पब्लिक प्लेस में सिगरेट पीने पर 1000 रुपये का होगा जुर्माना?
नई दिल्ली : सरकार ने आज धूम्रपान निरोधक कानून में संशोधन की दिशा में कदम उठाते हुए खुली सिगरेट बेचने पर पाबंदी तथा तंबाकू उत्पाद खरीदने के लिए न्यूनतम आयु मौजूदा 18 साल से बढ़ाकर 21 साल करने समेत बड़े बदलावों के प्रस्ताव रखे।
सरकार ने सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने पर जुर्माना 200 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये करने का प्रस्ताव रखा है। होटलों और रेस्तरां में अलग से बनाये गये धूम्रपान क्षेत्र हटाने की भी सिफारिश की गयी है।
सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन पर प्रतिबंध और व्यापार, वाणिज्य, उत्पादन, आपूर्ति और वितरण पर नियंत्रण) (संशोधन) विधेयक, 2015 के मसौदे में कुछ बड़ी सिफारिशें की गयी हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन पर जनता से सुझाव मांगे हैं। विधेयक ने समिति की सिफारिशों को लेकर अटकलों पर विराम लगा दिया। खबरें थीं कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने किसानों और तंबाकू उद्योग से जुड़े लोगों के विरोध के बाद पैर पीछे खींच लिये हैं।
पब्लिक प्लेस में सिगरेट पीने पर अब देना होगा जुर्माना!
स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में कहा था कि उनके मंत्रालय ने मौजूदा कानून की समीक्षा के लिए बनाई गयी समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है और कैबिनेट के लिए एक मसौदा नोट मंत्रालयों के परामर्श के लिए वितरित किया गया है।
प्रस्तावित कानून के उल्लंघन को और अधिक सख्त बनाने के लिहाज से मसौदा विधेयक में जुर्माने की राशि मौजूदा 10,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये करने का प्रस्ताव है। प्रस्तावित विधेयक के अनुसार, ‘कोई व्यक्ति 21 साल से कम उम्र के किसी दूसरे शख्स को सिगरेट या अन्य कोई तंबाकू उत्पाद फुटकर में नहीं बेचेगा, बिक्री की पेशकश नहीं करेगा या बिक्री की अनुमति नहीं देगा। तंबाकू या तंबाकू उत्पादों की खेती, प्रसंस्करण, बिक्री में 18 साल से कम उम्र के किसी व्यक्ति को नौकरी नहीं दी जाएगी या शामिल नहीं किया जाएगा।’
तंबाकू उत्पाद बेचने की न्यूनतम कानूनी उम्र बढ़ाकर 21 साल करने की सिफारिश के साथ मसौदा विधेयक में इस उम्र को नये प्रावधानों का अध्ययन करने के बाद दो चरणों में 23 साल और फिर 25 साल करने का भी प्रस्ताव है। प्रस्ताव के अनुसार, ‘इससे आने वाली पीढ़ियां तंबाकू उत्पादों से होने वाले नुकसान से बचेंगी।’ इसमें कानून के तहत अपराधों के मामले में मुकदमे के लिए विशेष सत्र अदालतों का भी प्रस्ताव है। मसौदा कहता है कि इससे उल्लंघन होने संबंधी मामलों की जानकारी देने की शिकायतों की संख्या बढ़ेगी।
होटलों और रेस्तरां में धूम्रपान जोन को समाप्त करने का सुझाव देते हुए संशोधन विधेयक में कहा गया है कि इससे अधिनियम के उस उद्देश्य की अनदेखी होती है जो सिगरेट नहीं पीने वाले लोगों को अनैच्छिक तरीके से धूम्रपान से बचाने से संबंधित है। देशभर में हुक्का बारों के बढ़ते चलन का हवाला देते हुए इसमें कहा गया है कि पहले के सुरक्षा मानक इसे रोक पाने में विफल रहे हैं और इस पर पाबंदी की जरूरत है। हालांकि मसौदे में अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों पर निर्धारित स्थानों पर धूम्रपान की अनुमति है। इसके प्रावधानों को लागू करने के लिए और उन पर निगरानी के लिए एक स्वायत्त राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण संगठन के गठन का भी प्रस्ताव है।
तंबाकू उत्पादों के परोक्ष इश्तहारों की ओर इशारा करते हुए मसौदे में कहा गया है, ‘बदलते समय के साथ जरूरी है कि मोबाइल और इंटरनेट जैसे संचार के नये माध्यम तंबाकू विज्ञापनों पर पाबंदी के दायरे में आयें।’ इसमें कहा गया है, ‘तबांकू कंपनियों द्वारा परोक्ष रूप से तंबाकू उत्पादों को बढ़ावा देने या उनका विज्ञापन करने के लिए कॉपरेरेट सामाजिक उत्तरदायित्व का बड़े स्तर पर दुरपयोग होने की वास्तविकता पर भी नियंत्रण की जरूरत है।’ नये विधेयक के मसौदे में सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू उत्पादों के थूकने पर पाबंदी का प्रस्ताव रखते हुए कहा गया है कि यह टीबी, निमोनिया, स्वाइन फ्लू और एवियन फ्लू जैसी संक्रामक बीमारियों के प्रसार का भी बड़ा कारण है।