- ४१३२ करोड़ रूपए के घाटे का बजट किया पेश
- अब अवस्थापना सुविधायें बढ़ाने पर जोर
- सड़क, सिंचाई, ऊर्जा को प्राथमिकता
- समाजवादी पेन्शन योजना के लिए २४२४ करोड़ का प्रावधान
उप्र की अखिलेश यादव सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में वर्ष २०१४-२०१५ का बजट प्रस्तुत किया। पिछली वित्तीय वर्ष से बजट का आकार जहां २४ फीसदी बढ़ा है वहीं कई लोकलुभावन योजनाओं जैसे लैपटॉप वितरण, बेरोजगारी भत्ता व कन्या विद्याधन जैसे योजनाओं को समाप्त कर दिया गया है। बजट में अवस्थापना सुविधाओं को बढ़ाने पर जोर दिया गया है। बजट की ७५ फीसदी राशि कृषि और किसान के विकास पर खर्च किए जाने की बात कही गयी है। वहीं सड़क, सिंचाई और ऊर्जा का बजट इस बार ८२ फीसदी तक बढ़ा दिया गया है। सरकार ने अब ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से निर्धन बस्तियों में जीवन की आधारभूत तथा मूलभूत सुविधायें मुहैया कराने पर जोर दिया।
विधानसभा में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, जिनके पास वित्त विभाग का भी कार्य है, ने दो लाख ७५ हजार ७०५ करोड़ रूपए का बजट प्रस्तुत किया। इससे पूर्व सरकार फरवरी माह में लोकसभा चुनाव के चलते प्रथम चार महीनों के लिए अन्तरिम बजट प्रस्तुत किया था। मुख्यमंत्री एवं नेता सदन अखिलेश यादव जैसे ही पूर्ण बजट प्रस्तुत करना शुरू किया उसी समय भाजपा सदस्यों ने विरोध स्वरूप सदन से बहिर्गमन किया। ५० पृष्ठों के बजट भाषण में मुख्यमंत्री श्री यादव ने कहा कि वित्तीय वर्ष २०१४-१५ का बजट आकार करीब दो लाख ७४ हजार ७०५ करोड़ रूपए का है, जो कि वर्ष २०१३-१४ से २४ फीसदी अधिक है। बजट में प्रदेश के स्वयं के कर राजस्व में वर्ष २०१३-१४ की अपेक्षा लगभग १७ फीसदी की वृद्धि शामिल है। बजट में बीस हजार ९५७ करोड़ ४७ लाख रूपए की नई योजनायें शामिल की गयी हैं। बजट में अवस्थापना सुविधाओं, सिंचाई एवं ऊर्जा के विकास के लिए ४९ हजार १०८ करोड़ रूपए की व्यवस्था की गयी है जोकि वर्ष २०१३-१४ से ८२ फीसदी अधिक है। बजट में कृषि एवं सम्बद्ध सेवाओं के लिए सात हजार ६२५ करोड़ रूपए की व्यवस्था की गयी है, जो कि गत वर्ष की अपेक्षा १५ फीसदी अधिक है। अखिलेश सरकार ने लैपटॉप वितरण, बेरोजगारी भत्ता तथा कन्या विद्याधन जैसी योजनाओं को बंद कर अब इस वित्तीय वर्ष में समाजवादी पेन्शन योजना चलायेगी। इस योजना के लिए बजट में २४२४ करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
बजट में शिक्षा के लिए ४१ हजार ५३८ करोड़ रूपए, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के लिए १४ हजार ३७७ करोड़ रूपए, अनुसूचति जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, विकलांग, अल्पसंख्यक तथा सामान्य वर्ग के गरीब व्यक्तियों के लिए २५ हजार ५२२ करोड़ रूपए की व्यवस्था की गयी है जोकि गत वर्ष के बजट की तुलना में २६ प्रतिशत अधिक है। बजट में लखनऊ से आगरा तक ६ लेन एक्सप्रेस वे के लिए ३२८० करोड़, रामशरण दास के नाम पर ग्राम सड़क योजना के मद में ५० करोड़, इन्दिरा आवास योजना के लिए १८०० करोड़, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए २५९३ करोड़, ग्रामीण पेयजल के लिए १५९८ करोड़, पूर्वांचल की विशेष योजनाओं के लिए २९१ करोड़ तथा बुन्देलखण्ड के पिछड़े क्षेत्रों के विकास आदि के लिए ७५८ करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
बजट में रिक्शा चालकों को नि:शुल्क मोटर/बैटरी/सौर ऊर्जा चालित रिक्शा देने के लिए ३०० करोड़, अधिवक्ताओं के लिए ४० करोड़ व आसरा योजना के लिए ३३५ करोड़ रूपए की व्यवस्था की गयी है। बजट में पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए ७४५ करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। बजट में नेशनल पूâड सिक्योरिटी मिशन योजना के लिए लगभग १७८ करोड़ रूपए की व्यवस्था की गयी है। प्रदेश में सड़कों, पुलों व सम्पर्वâ मार्गों के निर्माण व सुदृढ़ीकरण के लिए १५ हजार १०० करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया है। सड़कों के अनुरक्षण कार्यो के लिए २४९२ करोड़ रूपए की व्यवस्था की गयी है। बजट में अल्पसंख्यक समुदाय की विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति योजना के लिए ३१९ करोड़, अरबी-फारसी मदरसा आधुनिकीकरण के लिए २४० करोड़, अरबी पाठशालाओं के लिए ३१६ करोड़ तथा कब्रिस्तानों की चहारदीवारी के लिए २०० करोड़ रूपए की व्यवस्था की गयी है।
बजट में प्राथमिक शिक्षा के लिए २९३८० करोड़, माध्यमिक के लिए ७८८० करोड़ तथा उच्च शिक्षा के लिए २२६९ करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। वहीं चिकित्सा शिक्षा के लिए २५१३ करोड़ रूपए की बजट व्यवस्था का प्रस्ताव किया गया है।
विधानसभा में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, जिनके पास वित्त विभाग का भी कार्य है, ने दो लाख ७५ हजार ७०५ करोड़ रूपए का बजट प्रस्तुत किया। इससे पूर्व सरकार फरवरी माह में लोकसभा चुनाव के चलते प्रथम चार महीनों के लिए अन्तरिम बजट प्रस्तुत किया था। मुख्यमंत्री एवं नेता सदन अखिलेश यादव जैसे ही पूर्ण बजट प्रस्तुत करना शुरू किया उसी समय भाजपा सदस्यों ने विरोध स्वरूप सदन से बहिर्गमन किया। ५० पृष्ठों के बजट भाषण में मुख्यमंत्री श्री यादव ने कहा कि वित्तीय वर्ष २०१४-१५ का बजट आकार करीब दो लाख ७४ हजार ७०५ करोड़ रूपए का है, जो कि वर्ष २०१३-१४ से २४ फीसदी अधिक है। बजट में प्रदेश के स्वयं के कर राजस्व में वर्ष २०१३-१४ की अपेक्षा लगभग १७ फीसदी की वृद्धि शामिल है। बजट में बीस हजार ९५७ करोड़ ४७ लाख रूपए की नई योजनायें शामिल की गयी हैं। बजट में अवस्थापना सुविधाओं, सिंचाई एवं ऊर्जा के विकास के लिए ४९ हजार १०८ करोड़ रूपए की व्यवस्था की गयी है जोकि वर्ष २०१३-१४ से ८२ फीसदी अधिक है। बजट में कृषि एवं सम्बद्ध सेवाओं के लिए सात हजार ६२५ करोड़ रूपए की व्यवस्था की गयी है, जो कि गत वर्ष की अपेक्षा १५ फीसदी अधिक है। अखिलेश सरकार ने लैपटॉप वितरण, बेरोजगारी भत्ता तथा कन्या विद्याधन जैसी योजनाओं को बंद कर अब इस वित्तीय वर्ष में समाजवादी पेन्शन योजना चलायेगी। इस योजना के लिए बजट में २४२४ करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
बजट में शिक्षा के लिए ४१ हजार ५३८ करोड़ रूपए, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के लिए १४ हजार ३७७ करोड़ रूपए, अनुसूचति जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, विकलांग, अल्पसंख्यक तथा सामान्य वर्ग के गरीब व्यक्तियों के लिए २५ हजार ५२२ करोड़ रूपए की व्यवस्था की गयी है जोकि गत वर्ष के बजट की तुलना में २६ प्रतिशत अधिक है। बजट में लखनऊ से आगरा तक ६ लेन एक्सप्रेस वे के लिए ३२८० करोड़, रामशरण दास के नाम पर ग्राम सड़क योजना के मद में ५० करोड़, इन्दिरा आवास योजना के लिए १८०० करोड़, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए २५९३ करोड़, ग्रामीण पेयजल के लिए १५९८ करोड़, पूर्वांचल की विशेष योजनाओं के लिए २९१ करोड़ तथा बुन्देलखण्ड के पिछड़े क्षेत्रों के विकास आदि के लिए ७५८ करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
बजट में रिक्शा चालकों को नि:शुल्क मोटर/बैटरी/सौर ऊर्जा चालित रिक्शा देने के लिए ३०० करोड़, अधिवक्ताओं के लिए ४० करोड़ व आसरा योजना के लिए ३३५ करोड़ रूपए की व्यवस्था की गयी है। बजट में पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए ७४५ करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। बजट में नेशनल पूâड सिक्योरिटी मिशन योजना के लिए लगभग १७८ करोड़ रूपए की व्यवस्था की गयी है। प्रदेश में सड़कों, पुलों व सम्पर्वâ मार्गों के निर्माण व सुदृढ़ीकरण के लिए १५ हजार १०० करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया है। सड़कों के अनुरक्षण कार्यो के लिए २४९२ करोड़ रूपए की व्यवस्था की गयी है। बजट में अल्पसंख्यक समुदाय की विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति योजना के लिए ३१९ करोड़, अरबी-फारसी मदरसा आधुनिकीकरण के लिए २४० करोड़, अरबी पाठशालाओं के लिए ३१६ करोड़ तथा कब्रिस्तानों की चहारदीवारी के लिए २०० करोड़ रूपए की व्यवस्था की गयी है।
बजट में प्राथमिक शिक्षा के लिए २९३८० करोड़, माध्यमिक के लिए ७८८० करोड़ तथा उच्च शिक्षा के लिए २२६९ करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। वहीं चिकित्सा शिक्षा के लिए २५१३ करोड़ रूपए की बजट व्यवस्था का प्रस्ताव किया गया है।