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अरे ये क्या! राष्ट्रीय झण्डा फहरने की जगह नीचे कैसे आ गिरा?


अरे ये क्या! राष्ट्रीय झण्डा फहरने की जगह नीचे कैसे आ गिरा? जी हाँ, यह एक सच्ची तस्वीर अपने देश प्रेम की सच्ची कहानी बयां कर रही है। घटना 26 जनवरी की सुबह झंडोत्तोलन के समय की है। घटना भी वहाँ की है जहां इस राष्ट्रीय झंडे की सुरक्षा का जिम्मा देश के संविधान ने पुलिस के हाथों में सौंप रखा है।
यह घटना बता रही है कि अब देश प्रेम एक छलावा या दिखावा मात्र रह गया है। जिसका सच्चाई से कोई वास्ता नहीं है। जबकि पहले इस राष्ट्रीय पर्व को मनाने के लिए पूर्वाभ्यास किया जाता था कि एन वक्त पर कोई त्रुटि या कमी नहीं रह जाय। अगर कोई कमी या त्रुटि राष्ट्रीय कार्यक्रम के समय सामने नजर आ जाये तो देश प्रेम के लिये इससे शर्मनाक बात और कोई नहीं मानी जाती थी। लेकिन अब शर्म किसकी और कैसी? अब इसके पूर्वाभ्यास की जरूरत ही महसूस नहीं होती। जिसका ही नतीजा है कि झंडोत्तोलन के समय झंडे की रस्सी खुल जाना या टूट जाना।
यह घटना बिहार के नवगछिया पुलिस जिला अंतर्गत गोपालपुर थाना परिसर की है। जैसा कि गोपालपुर थाना परिसर में झंडोत्तोलन के समय सबों की नजर के सामने यह सब कुछ हुआ। झंडोत्तोलन का समय भी बीता, लोग भी अवाक रह गये। इसके बाद फिर शुरू हुई आगे की प्रक्रिया। तब जाकर सम्पन्न हुआ यहा झंडोत्तोलन। तब तक शर्म से झुका रहा सभी का देश प्रेम।