अरविंद केजरीवाल दिल्ली के सातवें मुख्यमंत्री बन गए हैं। 45 साल के केजरीवाल शपथ लेते ही दिल्ली के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बन गए। भारत के राजनीतिक इतिहास में शायद यह पहली परिघटना है जिसमें मुख्यमंत्री समेत पूरी कैबिनेट पहली बार विधानसभा पहुंची है। अरविंद मूल रूप से हरियाणा के हिसार के रहने वाले हैं। हिसार हरियाणा के भिवानी क्षेत्र के तहत आता है, जहां से हरियाणा या दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने वाले वे चौथे शख्स हैं।
जन लोकपाल आंदोलन से देश भर में पहचान बनाने वाले अरविंद केजरीवाल 'परिवर्तन' और 'पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन' नाम के एनजीओ चलाते रहे हैं। केजरीवाल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में ज्वॉइंट कमिश्नर के पद पर पहुंचने के बाद नौकरी छोड़ चुके हैं। आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद वे टाटा में प्राइवेट नौकरी भी कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री केजरीवाल खुद को 'आम आदमी' की तरह पेश करते हैं। उनकी कैबिनेट में शामिल नेता भी आम आदमी का प्रतिनिधित्व करते हैं। मनीष सिसौदिया पेशे से पत्रकार रहे हैं। बाद में सामाजिक कार्यकर्ता बने। सौरभ भारद्वाज प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करते थे। राखी बिड़ला भी एक प्राइवेट टीवी चैनल में रिपोर्टर के रूप में काम करती थीं। सोमनाथ भारती पेशे से वकील हैं। गिरीश सोनी चमड़ा कारोबारी हैं और कैबिनेट में शामिल नेताओं में सबसे कम पढ़े लिखे हैं। सत्येंद्र गर्ग पेशे से आर्किटेक्ट हैं।
'नायक' के अनिल कपूर जैसे सीएम बन पाएंगे अरविंद?
आम आदमी पार्टी की जीत के बाद एक जनसभा में पार्टी के नेता कुमार विश्वास को एक पोस्टर लिए हुए देखा गया था। उस पोस्टर में 2001 में रिलीज हुई फिल्म 'नायक' के अभिनेता अनिल कपूर और अमरीश पुरी के बीच अरविंद केजरीवाल की तस्वीर छपी थी। लेकिन सवाल उठता है कि क्या 'नायक' के अनिल कपूर बन पाएंगे अरविंद केजरीवाल? सवाल यह है कि जिस प्रकार फिल्म 'नायक' में अनिल कपूर मुख्यमंत्री बनने के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े एक्शन लेते हैं, क्या वैसे ही एक्शन केजरीवाल ले पाएंगे? दूसरा सवाल यह भी है कि क्या केजरीवाल उस 'रील लाइफ' को 'रियल' में तब्दील कर पाएंगे? फिल्म 'नायक' के अभिनेता अनिल कपूर के चरित्र और केजरीवाल के बीच समानताओं पर एक नजर:
भ्रष्टाचार पर
अनिल कपूर : 'नायक' फिल्म में अनिल कपूर बुरी तरह फैले भ्रष्टाचार से परेशान नजर आते हैं। वे अपने सचिव परेश रावल के साथ ऐसी जगहों का दौरा करने जाते हैं जहां भ्रष्टाचार फैला होता है। अनिल कपूर सभी आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की एक मीटिंग लेते हैं, जिसमें वे इन सभी अफसरों से हर हाल में भ्रष्टाचार को हटाने के लिए सख्त रुख अपनाने की बात कहते हैं।
अरविंद केजरीवाल : केजरीवाल दिल्ली नगर निगम के कई वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लोगों की समस्याएं जानने के लिए विभिन्न जगहों को दौरा कर चुके हैं। इस दौरान उनके साथ सचिव विकास आनंद भी रहे। उन्होंने लोगों से एसएमएस या ई-मेल द्वारा ईमानदार और साफ छवि वाले अफसरों और कर्मचारियों के बारे में जानकारी देने को कहा है।
गरीबी हटाने के लिए
अनिल कपूर : फिल्म में शिवाजी राव का किरदार निभाने वाले अनिल कपूर गरीबी हटाने के लिए कड़े एक्शन लेते हैं। वे अमानवीय हालातों में रह रहे लोगों के लिए भी कई काम करते हैं। साथ ही वे राशन की दुकानों पर गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ ऑन द स्पॉट एक्शन लेकर उन्हें सस्पेंड करते हैं और राशन की दुकान का लाइसेंस रद्द करते हैं।
अरविंद केजरीवाल : केजरीवाल अनधिकृत कॉलोनियों को अधिकृत बनाने का वादा कर चुके हैं। साथ ही वे कॉन्ट्रेक्ट पर काम करने वाले मजदूरों की स्थितियों को सुधारने का भी वादा कर चुके हैं।
झुग्गिवासियों को पक्का मकान दिलाना
अनिल कपूर : हाउसिंग घोटाला सामने आने पर अनिल कपूर हाउसिंग बोर्ड के डायरेक्टर को ऑन द स्पॉट सस्पेंड कर देते हैं। साथ ही वे झुग्गिवासियों को उनके लिए आवंटित हुए मकानों को दिलाते हैं और शिक्षित बेरोजगार लोगों को नौकरी देते हैं।
अरविंद केजरीवाल : दिल्ली के भावी मुख्यमंत्री जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कड़े एक्शन लेने का वादा कर चुके हैं।
लोगों की शिकायतें सुनना
अनिल कपूर : फिल्म में अनिल कपूर लोगों से एक मीटिंग करते हैं और उनकी जो भी शिकायतें होती हैं, उसे वो सीधे बोलने को कहते हैं। इसके लिए वे हर कॉलोनी में शिकायत बॉक्स लगवाते हैं, जिसमें लोग अपनी-अपनी शिकायतें कागज पर लिखकर उसमें डाल देते हैं।
अरविंद केजरीवाल : केजरीवाल अपनी पार्टी मुख्यालय पर जनता दरबार और विभिन्न कॉलोनियों में मोहल्ला सभा लगा चुके हैं। इसमें वे हर व्यक्ति से उसकी परेशानी और शिकायत एक कागज पर लिखकर उसे जमा करने को कहते हैं।
कड़ी कार्रवाई
अनिल कपूर : जब अनिल कपूर अमरीश पुरी से एक दिन के लिए मुख्यमंत्री पद लेते हैं, तो वे अमरीश पुरी को भी भ्रष्टाचार में लिप्त पाते हैं और उन्हें जेल भिजवा देते हैं।
अरविंद केजरीवाल : केजरीवाल पिछली सरकार में हुए सीडब्ल्यूजी जैसे घोटालों में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का वादा कर चुके हैं।