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इस रेल हादसे ने 32 वर्ष पुराने रेल हादसे की याद करा दी ताजा

बिहार के खगडिया जिला अंतर्गत मानसी और सिमरी बख्तियारपुर स्टेशनों के बीच स्थित धमारा घाट स्टेशन पर 19 अगस्त 2013 को फिर एक बड़ा रेल हादसा हो गया | इस रेल हादसे ने 32 वर्ष पुराने रेल हादसे की याद को ताजा करा दी | जिसमें 400 से अधिक लोगों की एक साथ जल समाधी हो गयी थी |


जबकि इस रेल हादसे में प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मृतकों की संख्या तीन दर्जन से भी ज्यादा बताई जा रही थी | वहीं रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को राज्यसभा में अपने बयान में कहा कि बिहार में हुई रेल त्रासदी में 28 लोगों की मौत हो गई छह घायल हो गए। इससे पहले बिहार पुलिस ने मृतकों की संख्या 37 बताई थी।
इस रेल हादसे के साथ ही लोगों को 32 वर्ष पुराना दुनियाँ का उस एक बड़ा रेल हादसा की याद ताजा हो गयी | जो इसी स्टेशन के समीप स्थित (बदला घाट और धमारा घाट के बीच ) एक रेल पुल से एक पूरी की पूरी पैसेंजर ट्रेन पुल के नीचे बागमती नदी में गिर गयी थी | घटना जब 6 जून 1981 की शाम को हुई थी | जिसमें 416 डाउन समस्तीपुर बनमनखी सवारी गाड़ी पटरी से उतरने के बाद भी अपने रफ्तार में रहने के कारण नदी में समा गयी थी | जिसके मात्र दो डब्बे पुल से लटकते हुए बचे थे | इस ट्रेन में लगभग 800 यात्री सवार थे | इस भीषण त्रासदी में पाँच दिनों बाद लगभग चार सौ लोगों के शव बड़ी मसक्कत के बाद निकाल पाये थे | सैकड़ों शव पानी के तेज बहाव में बह गए थे | जिनके परिजनों की चित्कार महीने भर तक गूँजती रही थी |