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बिहार : नॉन बैंकिंग कंपनियों पर शिकंजा, डीएम जब्त कर सकेंगे संपत्ति

बिहार के डीएम अब जनता का पैसा हड़प कर फरार होनेवाली नॉन बैंकिंग कंपनियों की संपत्ति जब्त कर सकेंगे. इतना ही नहीं,
गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर उसके परिसर में छापेमारी उसके कामकाज की जांच भी की जा सकती है. ये प्रावधान संशोधित बिहार जमाकर्ता हित संरक्षण अधिनियम, 2013 में शामिल करने का निर्णय लिया गया है.
शनिवार को राज्य मंत्रिमंडल की विशेष बैठक में संबंधित संशोधन विधेयक के प्रारूप को मंजूरी दे दी गयी. अब इसे 30 जुलाई को विधानमंडल में पेश किया जायेगा.
एक लाख तक का जुर्माना : नये प्रावधानों के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति  किसी नॉन बैंकिंग कंपनी, सहकारी सोसाइटी चिटफंड कंपनियों की ठगी का शिकार हुआ है, तो वह एसडीओ के यहां शिकायत कर सकता है.
एसडीओ कंपनी को नोटिस जारी कर मामले की सुनवाई करेंगे. उन्हें एक लाख रुपये तक अर्थदंड देने का अधिकार होगा. इसी तरह अगर कोई नॉन बैंकिंग कंपनी किसी जिले में कारोबार करना चाहती है, तो उसे संबंधित डीएम से अनुमति लेनी होगी. पहले सिर्फ सूचना देने का प्रावधान था, अब इसे अनिवार्य कर दिया गया है. कारोबार शुरू करने से पहले  रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और सेबी से निबंधित होने के प्रमाण से संबंधित सभी कागजात डीएम के यहां देने होंगे. इतना ही नहीं, कारोबार शुरू करने से पूर्व जिले के एसपी से भी अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना अनिवार्य होगा.