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रानी तेरा गाँव बड़ा प्यारा, सीएम भी जाता मारा, पर्यावरण यहाँ रे----

दीपनारायण सिंह दीपक, धरहरा 
चारों तरफ हरियाली ही हरियाली। फलदार वृक्षों के झुरमूठ से आ रही फलों की सोंधी महक, कोयल की कूक और ऐसा मनोरम वातावरण हो तो दिल क्यों न कहे कि रूक जा यही पर। इसी गाँव का नाम है धरहरा | जो
भागलपुर जिला के नवगछिया अनुमंडल अंतर्गत गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र में आता है |
धरहरा गांव में बच्ची  के जन्म पर फलदार वृक्ष लगाने की परंपरा को प्रगाढ़ करने 9 जून 2013 रविवार को आए मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने जहां रानी की गोद में उठाकर उन्हें पोती बना लिया। वहीं उनका भाव था कि ‘रानी तेरा गांव है बड़ा प्यारा’।
रानी का गांव धरहरा गोपालपुर प्रखंड का सुदूरवर्ती गांव है। मुख्यमंत्री के आगमन की सूचना से पूर्व गांव में जिला के पदाधिकारियों की आवाजाही 10 दिन पूर्व से जारी थी। सूबे के मुखिया के साथ आए बड़े-बड़े पदाधिकारियों की गांव की धरा पर देख ग्रामीणों को सपना पूरा होने के आसार दिख रहे थे। लोगों में खुशियों का ठिकाना नहीं था। सभी सूबे की सरकार को नजदीक से देखने को बेताब थे। गांव की महिलाएं और सभी वर्ग के लोग आगमन स्थल पर जुटे थे। बेटी के जन्म पर वृक्ष लगाने की परंपरा के बारे सीएम ने कहा धरहरा की परम्परा को विश्व स्तर तक ले जाने के लिए प्रयास करूंगा। गांव की हरियाली देख अधिकारी ग्रामीणों से बात कर रहे थे।
अधिकारियों ने ग्रामीणों से पूछा वृक्षों का इतना मेंटनेस कैसे होता है पर ग्रामीणों ने जवाब दिया कि दिल से इसकी देखभाल की जाए तो मेंटनेस नहीं कोई मायने नहीं रखता है। अधिकारियों व नेताओं ने कहा ‘रियली धरहरा इज प्राउड आफ बिहार’ है। गर्मी व धूप के बावजूद मुख्यमंत्री एवं अन्य आगन्तुकों के चेहरे पर परेशानी नहीं दिख रही थी। लोगों ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनके गांव को गौरवान्वित करने की परंपरा को परवान चढ़ा दिया है। जहां पहली बार लवीके नाम से, दूसरी बार रिमू राज के नाम से, तीसरी बार अंजलि के नाम से तो इस बार रानी के नाम से बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने धरहरा आकर वृक्षारोपण किया |
इसीलिए लोगों के मुंह से निकलने भी लगा है कि रानी तेरा गाँव बड़ा प्यारा, सीएम भी जाता मारा, पर्यावरण यहाँ रे----, पर्यावरण यहाँ रे------- |