धरहरा में बेटी के जन्म पर पेड़ लगाने
की परंपरा से विदेशी भी कायल हो रहे हैं | पर्यावरण सुरक्षा की यह अनोखी परम्परा अब विदेशों तक फैलेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा कि उनकी इच्छा है कि
यह स्वस्थ परंपरा देश से बाहर भी जाए।
मुख्यमंत्री रविवार को नवगछिया अनुमंडल अंतर्गत धरहरा गांव में एक बच्ची रानी कुमारी के नाम पर पेड़ लगाने के बाद आयोजित समारोह में बोल रहे थे। जहां मुख्यमंत्री गांव में एक घंटा रुके भी । भाषण में नीतीश ने पर्यावरण और बालिका शिक्षा को ही केंद्र में रखा। सीएम ने कहा कि यहां एक सुंदर परंपरा है कि बेटी के नाम पर लोग वृक्ष लगाते हैं। उन्होंने कहा कि बेटी को सम्मान देने की परंपरा यहां से शुरू हुई है। लोगों को बेटी के जन्म पर भी खुशी मनाना चाहिए। इससे समाज में फैली कुरीतियां दूर होंगी। गांव वालों ने रचनात्मक पहल की है। इससे पर्यावरण को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि वे इस परंपरा का प्रचार कर रहे हैं। बिहार के लोग इसे जानने लगे हैं। गणतंत्र दिवस की झांकी में बिहार की तरफ से धरहरा की परंपरा दिखाई गई थी। कहा कि बेटी के जन्म पर पेड़ लगाने की परंपरा पर विदेशों में फिल्म बनी है।
उन्होंने यह भी बताया कि मुजफ्फरपुर के मीनापुर में भी बेटी के जन्म पर वृक्ष लगाने की परंपरा शुरू हुई है। सीएम ने कहा कि वृक्ष लगाने से पर्यावरण सुरक्षित रहता है और हरियाली आती है। सरकार ने अगले पांच वर्ष में राज्य में वनों का आच्छादन बढ़ाने का निर्णय लिया है। अभी 9 फीसद वनाच्छदन है जिसे बढ़ाकर 15 फीसद करना है। इस अवधि में राज्य में 24.5 करोड़ पेड़ लगाए जाएंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें 2010 में धरहरा गांव के संबंध में जानकारी मिली कि यहां लोग बेटी के जन्म पर पेड़ लगाते हैं। उस समय से उनकी कोशिश रहती है कि विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) के आसपास वे यहां आकर धरती को नमन करें और एक पेड़ लगाएं। अब तक धरहरा में चौथी बार आया हूँ ।
सीएम ने कहा कि गांव में किलकारी केंद्र खोला गया। यहां बिजली लाने का प्रबंध किया गया। गांव में अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र, पशु चिकित्सालय और मिनी जलापूर्ति योजना की शुरूआत हो चुकी है।
यह स्वस्थ परंपरा देश से बाहर भी जाए।
मुख्यमंत्री रविवार को नवगछिया अनुमंडल अंतर्गत धरहरा गांव में एक बच्ची रानी कुमारी के नाम पर पेड़ लगाने के बाद आयोजित समारोह में बोल रहे थे। जहां मुख्यमंत्री गांव में एक घंटा रुके भी । भाषण में नीतीश ने पर्यावरण और बालिका शिक्षा को ही केंद्र में रखा। सीएम ने कहा कि यहां एक सुंदर परंपरा है कि बेटी के नाम पर लोग वृक्ष लगाते हैं। उन्होंने कहा कि बेटी को सम्मान देने की परंपरा यहां से शुरू हुई है। लोगों को बेटी के जन्म पर भी खुशी मनाना चाहिए। इससे समाज में फैली कुरीतियां दूर होंगी। गांव वालों ने रचनात्मक पहल की है। इससे पर्यावरण को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि वे इस परंपरा का प्रचार कर रहे हैं। बिहार के लोग इसे जानने लगे हैं। गणतंत्र दिवस की झांकी में बिहार की तरफ से धरहरा की परंपरा दिखाई गई थी। कहा कि बेटी के जन्म पर पेड़ लगाने की परंपरा पर विदेशों में फिल्म बनी है।
उन्होंने यह भी बताया कि मुजफ्फरपुर के मीनापुर में भी बेटी के जन्म पर वृक्ष लगाने की परंपरा शुरू हुई है। सीएम ने कहा कि वृक्ष लगाने से पर्यावरण सुरक्षित रहता है और हरियाली आती है। सरकार ने अगले पांच वर्ष में राज्य में वनों का आच्छादन बढ़ाने का निर्णय लिया है। अभी 9 फीसद वनाच्छदन है जिसे बढ़ाकर 15 फीसद करना है। इस अवधि में राज्य में 24.5 करोड़ पेड़ लगाए जाएंगे।
उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें 2010 में धरहरा गांव के संबंध में जानकारी मिली कि यहां लोग बेटी के जन्म पर पेड़ लगाते हैं। उस समय से उनकी कोशिश रहती है कि विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) के आसपास वे यहां आकर धरती को नमन करें और एक पेड़ लगाएं। अब तक धरहरा में चौथी बार आया हूँ ।
सीएम ने कहा कि गांव में किलकारी केंद्र खोला गया। यहां बिजली लाने का प्रबंध किया गया। गांव में अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र, पशु चिकित्सालय और मिनी जलापूर्ति योजना की शुरूआत हो चुकी है।