भागलपुर जिला अंतर्गत नवगछिया अनुमंडल में दो दो टेम्पु चालकों की बेटियों ने मैट्रिक में अपना अपना
परचम लहरा कर लड़कों को पीछे छोड़ दिया है | जिसकी बदौलत इन्हें ढेर सारी शुभकामनायें भी मिल रही है |
नवगछिया स्टेशन से सटे नया टोला निवासी टेम्पु चालक राजेन्द्र साह की बेटी प्रीति ने बिहार बोर्ड की मैट्रिक की परीक्षा में जहां 423 अंक लाकर नवगछिया पुलिस जिला में अपना परचम लहरा दिया | वहीं एनएच किनारे भाड़े के मकान में रहने वाले टेम्पु चालक जय नारायण सिंह की बेटी श्वेता कुमारी ने इसी परीक्षा के दौरान 422 अंक लाकर अपना परचम लहराया है | ये दोनों नवगछिया स्थित रुंगटा बालिका विद्यालय की छात्राएं हैं |
नवगछिया की इन बेटियों ने अपनी इस सफलता का राज अपनी कड़ी मेहनत बताया है | इनके अनुसार सिर्फ स्कूली शिक्षा के भरोसे यह सफलता संभव नहीं थी | आगे भी इंटर विज्ञान में अपनी पढ़ाई को गणित विषय के साथ जारी रखने की बात बतायी है |
वहीं नवगछिया की इन अव्वल बेटियों के पिता टेम्पु चालक राजेन्द्र साह और जय नारायण सिंह कहते हैं कि हम रोजाना नवगछिया से भागलपुर के बीच टेम्पु चला कर किसी तरह से अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं | लेकिन हमारी असली कमाई तो बच्चों की पढ़ाई ही है | जिन्हें पढ़ा लिखा कर अपने पैरों पर खड़ा करना ही मुख्य उद्देश्य है |
परचम लहरा कर लड़कों को पीछे छोड़ दिया है | जिसकी बदौलत इन्हें ढेर सारी शुभकामनायें भी मिल रही है |
नवगछिया स्टेशन से सटे नया टोला निवासी टेम्पु चालक राजेन्द्र साह की बेटी प्रीति ने बिहार बोर्ड की मैट्रिक की परीक्षा में जहां 423 अंक लाकर नवगछिया पुलिस जिला में अपना परचम लहरा दिया | वहीं एनएच किनारे भाड़े के मकान में रहने वाले टेम्पु चालक जय नारायण सिंह की बेटी श्वेता कुमारी ने इसी परीक्षा के दौरान 422 अंक लाकर अपना परचम लहराया है | ये दोनों नवगछिया स्थित रुंगटा बालिका विद्यालय की छात्राएं हैं |
नवगछिया की इन बेटियों ने अपनी इस सफलता का राज अपनी कड़ी मेहनत बताया है | इनके अनुसार सिर्फ स्कूली शिक्षा के भरोसे यह सफलता संभव नहीं थी | आगे भी इंटर विज्ञान में अपनी पढ़ाई को गणित विषय के साथ जारी रखने की बात बतायी है |
वहीं नवगछिया की इन अव्वल बेटियों के पिता टेम्पु चालक राजेन्द्र साह और जय नारायण सिंह कहते हैं कि हम रोजाना नवगछिया से भागलपुर के बीच टेम्पु चला कर किसी तरह से अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं | लेकिन हमारी असली कमाई तो बच्चों की पढ़ाई ही है | जिन्हें पढ़ा लिखा कर अपने पैरों पर खड़ा करना ही मुख्य उद्देश्य है |