भारतीय रेल ने मुनाफे के खेल में मुसाफिरों को
चपत लगाने और आरामदायक यात्र भंग करने की तैयारी कर ली है। रेलवे आरएसी
कोटा बढ़ा रहा है। जिससे किराया
पूरा पर सीट मिलेगी आधी। ऐसा होने से
ट्रेन के एक फेरे में करीब सवा लाख रुपये का मुनाफा होगा। यानी की रोजाना सौ ट्रेनें दौड़ने पर एक करोड़ रुपये की आमदनी बढ़ेगी।
पहले चरण में राजधानी-दुरंतो एक्सप्रेस के थर्ड एसी और सेकेंड एसी (एलएचबी) कोच में ऐसा होगा, बाद में अन्य ट्रेनों में लागू किया जाएगा। उच्च पदस्थ सूत्रों मुताबिक, राजधानी एक्सप्रेस में एक कोच में आरएसी के तहत चार सीटों का कोटा था, जिसे अब बढ़ाकर छह किया जा रहा है। पूरी ट्रेन में आरएसी कोटे से पहले 34 सीटों पर 68 मुसाफिर यात्र करते थे, अब 51 सीटों पर 102 मुसाफिर यात्र करेंगे। डिब्बों की संख्या बढ़ने या घटने पर मुसाफिरों के आंकड़े पर फर्क पड़ेगा। अभी 34 मुसाफिर सेकेंड या थर्ड एसी में आरामदायक यात्र कर रहे हैं। जल्द ही इन मुसाफिरों में से 17 को सिर्फ आधी सीट ही नसीब होगी।
ट्रेन के एक फेरे में करीब सवा लाख रुपये का मुनाफा होगा। यानी की रोजाना सौ ट्रेनें दौड़ने पर एक करोड़ रुपये की आमदनी बढ़ेगी।
पहले चरण में राजधानी-दुरंतो एक्सप्रेस के थर्ड एसी और सेकेंड एसी (एलएचबी) कोच में ऐसा होगा, बाद में अन्य ट्रेनों में लागू किया जाएगा। उच्च पदस्थ सूत्रों मुताबिक, राजधानी एक्सप्रेस में एक कोच में आरएसी के तहत चार सीटों का कोटा था, जिसे अब बढ़ाकर छह किया जा रहा है। पूरी ट्रेन में आरएसी कोटे से पहले 34 सीटों पर 68 मुसाफिर यात्र करते थे, अब 51 सीटों पर 102 मुसाफिर यात्र करेंगे। डिब्बों की संख्या बढ़ने या घटने पर मुसाफिरों के आंकड़े पर फर्क पड़ेगा। अभी 34 मुसाफिर सेकेंड या थर्ड एसी में आरामदायक यात्र कर रहे हैं। जल्द ही इन मुसाफिरों में से 17 को सिर्फ आधी सीट ही नसीब होगी।