बिहार
में कार्यरत सभी नन बैंकिंग कंपनियां गैर कानूनी हैं। किसी कंपनी को को
रिजर्व बैंक या सेबी की मान्यता नहीं है। उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री
सुशील कुमार मोदी ने गुरुवार को जब बिहार में कार्यरत नन बैंकिंग कंपनियों
के कार्यकलापों पर एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई तो उन्हें कई चौंकानेवाली
जानकारी मिली। रिजर्व बैंक के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में केवल दो नन
बैंकिंग फाइनांस कंपनियों को ही कारोबार की अनुमति है। गृहस्थ और ओपल नाम
की ये कंपनियां ऑपरेशन में नहीं हैं। जबकि ऑपरेशन में यानि कार्यरत दर्जनों
नन बैंकिंग कंपनियों को रिजर्व बैंक ने कोई अनुमति नहीं दी है। सेबी के
अधिकारियों ने बताया कि सेबी से अनुमति लेकर कोई कंपनी कार्य नहीं कर रही।
बैठक के बाद उप मुख्यमंत्री ने बताया कि बिहार जमाकर्ताओं के हितों का
संरक्षण अधिनियम 2002 के तहत राज्य के विभिन्न जिलों में कार्यरत सभी नन
बैंकिंग कंपनियों का पूरा ब्योरा सभी जिलाधिकारियों से मांगा गया है। डीएम
उन कंपनियों के कारोबार, निबंधन, लाइसेंस, अनुमति आदि की जानकारी प्राप्त
करेंगे। अधिनियम के प्रावधानों के तहत ऐसी सभी कंपनियों को संबंधित
जिलाधिकारियों को लिखित जानकारी देनी होगी। नन बैंकिंग कंपनियों द्वारा दिए
गए पूरे ब्योरे को सभी जिलाधिकारी सांस्थिक वित्त विभाग को भेजेंगे। फिर
सांस्थिक वित्त विभाग रिजर्व बैंक और सेबी से उनका सत्यापन कराएगा। बैठक
में सेबी के पूर्वी क्षेत्र के सीजीएम एस कृष्ण मोहन, रिजर्व बैंक के
क्षेत्रीय प्रमुख पीके जेना, सहकारिता मंत्री रामाधार, वित्त विभाग के
प्रधान सचिव रामेश्वर सिंह आदि मौजूद थे।
बनेंगे दो कोर्ट
सुशील मोदी ने बताया कि बिहार जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण अधिनियम
के तहत नन बैंकिंग कंपनियों के अवैध कार्यकलापों पर सुनवाई के लिए पटना और
मुजफ्फरपुर में विशेष कोर्ट गठित होंगे। पटना हाई कोर्ट की मुख्य
न्यायाधीश को उन न्यायालयों में जजों की नियुक्ति का अनुरोध किया गया है।
अवैध कारोबार वाली कंपनियों पर साक्ष्य के साथ मुकदमा दर्ज कर उनकी संपत्ति
तक जब्त करने की कार्रवाई होगी।
इन कंपनियों पर कार्रवाई
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि विभिन्न जिलों में आर्थिक अपराध इकाई और
जिला प्रशासन द्वारा अलग-अलग कार्रवाई के तहत प्रयाग ग्रुप ऑफ कंपनीज,
चक्र, आइकोर, एराइज, धलौल्टी, जीवनदीप, एंगल इंडिया, विश्वामित्र, रोज
वैली, नंदिनी आदि कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी हुई है। आगे की कार्रवाई
जारी है। चार जिलों में सेंट्रल बैंक स्वावलंबी कोऑपरेटिव सोसायटी के
विरूद्ध आर्थिक अपराध इकाई कार्रवााई कर रही है। जबकि सेबी द्वारा रोज वैली
रियल एस्टेट एंड कंस्ट्रक्शन लि., सन प्लांट एग्रो लि., सुमंगल इंडस्ट्रीज
लि. और एमपीएस ग्रीनरी डेवलपर्स लि. नामक नन बैंकिंग वित्तीय कंपनियों
द्वारा बिहार में लोगों से पैसा जमा कराने पर रोक लगा दी गई है।