ताजा समाचार :

6/Posts/ticker posts

सोनिया ने प्रधानमंत्री का पद त्यागा लेकिन सत्ता नहीं: शाहनवाज

भाजपा ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस ने आधिकारिक तौर पर सत्ता के दो केन्द्र होने की बात स्वीकार करके इस बात की पुष्टि की कि संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी सत्ता का भोग कर रहीं हैं.

पार्टी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि सत्ता के दो केन्द्र होने को लेकर कांग्रेस के दो महासचिवों दिग्विजय सिंह और जनार्दन द्विवेदी के बीच खंडन-मंडन भले ही चल रहा हो लेकिन दोनों की बातों से इस बात की स्वीकारोक्ति हुई है कि संप्रग में सत्ता के दो केन्द्र हैं और उनमें से एक पर सोनिया काबिज हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘इससे साबित हो गया है कि सोनिया ने कथित तौर पर प्रधानमंत्री का पद तो त्यागा लेकिन सत्ता नहीं त्यागी. सत्ता का एक केन्द्र वह बनी हुई हैं’’
    भाजपा प्रवक्ता ने कहा, चिंता की बात यह है कि सोनिया जिस सत्ता का केन्द्र बनी हुई हैं, उसकी कहीं कोई जवाबदेही नहीं है. प्रधानमंत्री होने के नाते मनमोहन सिंह की संसद सहित हर जगह जवाबदेही है.
    उन्होंने कहा कि सिंह को कुछ लोगों ने ‘मजबूर, कमजोर और यहां तक कि कठपुतली’ प्रधानमंत्री तक कहा है. लेकिन प्रधानमंत्री को मजबूर नहीं मजबूत होना चाहिए और सत्ता उन्हीं के पास केन्द्रित होनी चाहिए.
   शाहनवाज ने कहा कि अब साफ हो चुका है सत्ता के दो केन्द्र होने की वजह से ही पिछले आठ साल से संप्रग के शासन में भ्रम की स्थिति बनी रही और मंहगाई और भ्रष्टाचार पर काबू नहीं पाया जा सका है.
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि उनकी पार्टी तो शुरू से कहती आ रही है कि संप्रग में सत्ता के दो केन्द्र हैं, एक 10 जनपथ और दूसरा 7 रेसकोर्स और संप्रग शासन में गड़बडी की यही सबसे बड़ी वजह है.
  वहीं, दिग्विजय सिंह अपनी टिप्पणी पर कायम रहे कि संप्रग में सत्ता के दो केंद्र के प्रयोग ने ठीक से काम नहीं किया. हालांकि जनार्दन द्विवेदी ने उनके इस रूख को खारिज करते हुए कहा कि यह न सिर्फ वर्तमान में बल्कि भविष्य के लिये भी एक ‘‘आदर्श मॉडल’’ है.
     गौरतलब है कि जर्नादन द्विवेदी ने मंगलवार को कहा था कि इस समय पार्टी अध्यक्ष के रूप में सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह के बीच जो संबंध है वह विशिष्ट हैं और आम तौर पर ऐसा देखने को नहीं मिलता है. मैं समझता हूं कि किसी भी लोकतंत्र के लिए यह एक आदर्श मॉडल है और भविष्य के लिए भी.
  द्विवेदी द्वारा संप्रग अध्यक्ष और प्रधानमंत्री के बीच के रिश्तों को कामयाब और आदर्श मॉडल बताए जाने के बावजूद दिग्विजय सिंह ने बुधवार को कहा कि वह अपनी बात पर कायम हैं कि सत्ता के दो केन्द्रों का प्रयोग नाकाम रहा.