नवगछिया के बहुचर्चित आलोक हत्याकांड के परिजनों ने स्थानीय पुलिस पर लीपापोती का आरोप
लगाते हुए राज्य के मुख्यमंत्री को आवेदन देकर मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
इस संबंध में आलोक के परिजन सह अंग उत्थानन्दोलन समिति के केंद्रीय अध्यक्ष
गौतम सुमन ने मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक पटना, अपर पुलिस महानिदेशक अपराध अनुसंधान विभाग बिहार, लोकाययुक्त बिहार, पुलिस महानिरीक्षक भागलपुर और पुलिस उप महानिरीक्षक भागलपुर को आवेदन भेजा है।
आवेदन के अनुसार आलोक के मोबाइल के कॉल डिटेल निकालने के पश्चात पुलिस ने जनक सिंह रोड निवासी अखिलेश साह के घर छापेमारी की। छापेमारी में अखिलेश साह की पुत्री के बिस्तर से 55 हजार नकद रुपया तथा मोबाइल के कुछ सिम कार्ड पुलिस ने बरामद किया था। बरामद रुपयों का जिक्र पुलिस ने नहीं किया। उन रुपयों का क्या हुआ कुछ पता नहीं चला।
आवेदन में यह भी बताया गया है कि आलोक की हत्या अकेले अखिलेश के बूते की बात नहीं है। जबकि आलोक स्वास्थ्य व तंदरुस्त था। वहीं अखिलेश साह अंधेड़ और कमजोर था। बिना किसी विरोध के हत्या कर दी गई जिसकी भनक पास पड़ोस के लोगों को भी नहीं लगी। पुलिस के समक्ष अखिलेश साह ने बयान दिया कि आलोक को पुत्री के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखा। गुस्से में आकर हत्या कर दी। जबकि जलकुम्भी से आलोक का शव बरामद किया गया था। उसके शरीर पर जींस पैंट, टी शर्ट बेल्ट लगा हुआ था। इस संबंध में अखिलेश साह ने कुछ नहीं बताया। क्या हत्या करने के पश्चात आलोक को जिंस पैंट पहनाया गया था? अखिलेश के लिए ऐसा करना संभव था? इस तरह के कई अनसुलझे सवाल हैं जिनके जबाब भविष्य के गर्भ में छिपे हैं। परिजनों का कहना है कि हत्या में कम से कम चार लोग शामिल हो सकते हैं। पुलिस उन्हें बचाने का प्रयास कर रही है। परिजनों ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार सिंह ने कहा कि पुलिस अनुसंधान कर रही है। जल्द ही सच्चाई सामने आ जाएगी।
गौतम सुमन ने मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक पटना, अपर पुलिस महानिदेशक अपराध अनुसंधान विभाग बिहार, लोकाययुक्त बिहार, पुलिस महानिरीक्षक भागलपुर और पुलिस उप महानिरीक्षक भागलपुर को आवेदन भेजा है।
आवेदन के अनुसार आलोक के मोबाइल के कॉल डिटेल निकालने के पश्चात पुलिस ने जनक सिंह रोड निवासी अखिलेश साह के घर छापेमारी की। छापेमारी में अखिलेश साह की पुत्री के बिस्तर से 55 हजार नकद रुपया तथा मोबाइल के कुछ सिम कार्ड पुलिस ने बरामद किया था। बरामद रुपयों का जिक्र पुलिस ने नहीं किया। उन रुपयों का क्या हुआ कुछ पता नहीं चला।
आवेदन में यह भी बताया गया है कि आलोक की हत्या अकेले अखिलेश के बूते की बात नहीं है। जबकि आलोक स्वास्थ्य व तंदरुस्त था। वहीं अखिलेश साह अंधेड़ और कमजोर था। बिना किसी विरोध के हत्या कर दी गई जिसकी भनक पास पड़ोस के लोगों को भी नहीं लगी। पुलिस के समक्ष अखिलेश साह ने बयान दिया कि आलोक को पुत्री के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देखा। गुस्से में आकर हत्या कर दी। जबकि जलकुम्भी से आलोक का शव बरामद किया गया था। उसके शरीर पर जींस पैंट, टी शर्ट बेल्ट लगा हुआ था। इस संबंध में अखिलेश साह ने कुछ नहीं बताया। क्या हत्या करने के पश्चात आलोक को जिंस पैंट पहनाया गया था? अखिलेश के लिए ऐसा करना संभव था? इस तरह के कई अनसुलझे सवाल हैं जिनके जबाब भविष्य के गर्भ में छिपे हैं। परिजनों का कहना है कि हत्या में कम से कम चार लोग शामिल हो सकते हैं। पुलिस उन्हें बचाने का प्रयास कर रही है। परिजनों ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। पुलिस अधीक्षक आनंद कुमार सिंह ने कहा कि पुलिस अनुसंधान कर रही है। जल्द ही सच्चाई सामने आ जाएगी।