झारखंड
के राज्यपाल सैयद अहमद ने अर्जुन मुंडा सरकार के इस्तीफ़े के बाद विधानसभा
को सस्पेंड रखते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की
है.
राज्यपाल
ने अर्जुन मुंडा के इस्तीफ़े के बाद राज्य में उपजे राजनीतिक हालात को
लेकर
केंद्र को भेजी अपनी रिपोर्ट में यह सिफारिश की. हालांकि, अर्जुन
मुंडा ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने के साथ ही विधानसभा को भंग करने
का सुझाव दिया था ताकि नया चुनाव हो सके.
गृह
मंत्री सुशील कुमार सिंदे ने राज्यपाल की रिपोर्ट की जानकारी देते हुए
कहा, "हमें झारखंड के राज्यपाल की शुरुआती रिपोर्ट मिली है. मैं उसे
देखूँगा. किसी फैसले के लिए थोड़ा इंतज़ार करें."
अर्जुन
मुंडा ने मंगलवार को जेएमएम की ओर से समर्थन वापस ले लेने के बाद अपने पद
से इस्तीफ़ा दे दिया था. उन्होंने राज्य विधानसभा को भंग करने की भी
सिफारिश की थी.
82
सीटों वाले विधानसभा में 18 सीट वाली बीजेपी पिछले 28 महीने से अर्जुन
मुंडा के नेतृत्व में गठबंधन सरकार चल रही थी, लेकिन जेएमएम के समर्थन
वापसी के बाद अल्पमत में आई सरकार ने इस्तीफ़ा दे दिया.
जेएमएम
का कहना था कि बीजेपी और उसमें 28-28 महीने सरकार चलाने का समझौता हुआ था,
और अब बीजेपी को सत्ता जेएमएम को देने का समय आ गया, लेकिन बीजेपी ने इस
तरह के किसी समझौते से इनकार किया और इसका नतीजा सरकार गिर गई. झारखंड में
सबसे बड़े दल जेएमएम और बीजेपी के पास भी 18-18 विधायक हैं.