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रेल दुर्घटना के शिकार शौकत की विधवा के नौकरी

भीषण रेल दुर्घटना में हाजीपुर के मृत अल्पसंख्यक की विधवा को रेलवे बोर्ड ने शुक्रवार को नौकरी प्रदान कर दी। विधवा यासमीन खातून को रेलवे ने मुआवजा पहले ही दे दिया था। जिसके बाद हाल ही में सोनपुर रेल मंडल के इंजीनियरिंग विभाग में ट्रेनी खलासी के पद पर नौकरी दी गयी है।
नौकरी मिलने से विधवा समेत उसके परिजन काफी खुश हैं। खुशी से फुली नहीं समा रही यासमीन ने कहा कि वह अपने बच्चे का लालन-पालन अब ठीक ढंग से करा सकती है। वे भी अपने बच्चे को बेहतर शिक्षा देकर उसे रेलवे में ही कार्य करने की प्रेरणा देगी। क्योंकि रेलवे ने ही उसे दुबारा जिंदगी दी है। ज्ञात हो कि भीषण रेल हादसे में वह गंभीर रूप से जख्मी हो गयी थी तथा महीनों कलकत्ता के रेलवे अस्पताल में वह इलाजरत थी। रेलवे अस्पताल के डाक्टरों ने उसे नयी जिंदगी प्रदान की है। इस हादसे में उसके पति की मौत हो गयी थी तथा उसका पुत्र बाल-बाल बच गया था। खुशी के इस मौके पर वह अपने आंसू को रोक नहीं पायी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2010 के 28 मई की रात को हावड़ा से बाम्बे जा रही ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस ट्रेन खड़गपुर के निकट झाड़ीग्राम स्टेशन के पास दुर्घटना ग्रस्त हो गयी। जिसमें हाजीपुर नगर थाना क्षेत्र के अस्पताल रोड निवासी हैदर अली अपनी पत्‍‌नी यासमीन खातून एवं अपने पुत्र के साथ यात्रा कर रहे थे। इसी भीषण रेल हादसे में हैदर अली समेत कई दर्जन लोगों की मौत हो गयी थी। दुर्घटना के उपरांत रेल मंत्रालय द्वारा मृतक के आश्रितों को पांच लाख रुपया मुआवजा देने के साथ रेलवे में नौकरी प्रदान करने की घोषणा की गयी थी। रेल मंत्रालय के इसी घोषणा के आलोक में स्व. हैदर अली के विधवा यासमीन खातून को सोनपुर रेल मंडल के इंजीनियरिंग विभाग में ट्रेनी खलासी के पद पर नौकरी दी गयी है। श्रीमति खातून ने शुक्रवार को हाजीपुर स्थित इंजीनियरिंग विभाग के कार्यालय में नौकरी ज्वाईन कर ली है।