पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल के निधन के कारण भागलपुर महोत्सव
सादगी के साथ शुरू हुआ। पांच दिवसीय महोत्सव के उद्घाटन में दीप प्रज्वलन
नहीं हुआ। महोत्सव में कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह, स्वास्थ्य मंत्री अश्वनी
कुमार चौबे, मेयर दीपू भुवानियां, ई.शैलेन्द्र सहित कई गणमान्य लोग
उपस्थित थे।
टीचर्स ट्रेनिंग कालेज में पांच दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव के उद्घाटन के दौरान सभी वक्ताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल के निधन पर चर्चा की और एक स्वर से कहा कि देश ने एक महान चिंतक और बड़ा नेता खो दिया। बाद में सभी ने एक मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
उधर, शाम को कुछ रंगारंग कार्यक्रम हुए। जिसमें भक्ति गीत ही गाए गए। पटना के लोक गीत गायक सत्येन्द्र कुमार ने भक्ति गीत की शुरूआत की.। तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का गाकर आकर्षक प्रस्तुति की और उपस्थित श्रोताओं का दिल जीत लिया। उन्होंने एक के बाद एक-झुलनी का रंग सांचा, हमार पिया, जरा धीरे-धीरे, जरा हौले-हौले गाड़ी हाको रे मेरे राम गाड़ीवान जैसे मनभावन भजन की प्रस्तुति कर उपस्थित लोगों को भक्ति की समा में बांधे रखा। प्रशाल में उपस्थित भजन प्रेमी तालियों पर प्रतिबंध होने के कारण हाथ हिलाकर कलाकारों का उत्साहवर्द्धन कर रहे थे।
भजन गायक सत्येंद्र ने श्रोताओं को यह एहसास करा दिया कि पांच तत्वों से बनी इस काया के बिना सब कुछ बेकार है। उनका कहना था की धर्म की राह पर चलने वालों को ही मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि राम गाड़ीवान की गाड़ी से धर्मी तो उतर गए, लेकिन सभी पापी चकनाचूर हो गए। अंत में उन्होंने अपने गायन के माध्यम से बिहार का भी गुणगान किया। इस कड़ी में उन्होंने कहा कि सीता की जन्मभूमि ये है मेरा बिहार, गांधी की कर्मभूमि ये है मेरा बिहार, अशोक सम्राट की धर्मभूमि ये है मेरा बिहार, बाल्मिकी ने रची रामायण लव कुश को जाने संसार ये है मेरा बिहार, जैन धर्म महावीर कहलाए यही अवतार ये है मेरा बिहार। इसके उपरांत कृष्ण क्लब बरारी द्वारा दानवीर कर्ण लघु नाटिका की आकर्षक प्रस्तुति की गई।
टीचर्स ट्रेनिंग कालेज में पांच दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव के उद्घाटन के दौरान सभी वक्ताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल के निधन पर चर्चा की और एक स्वर से कहा कि देश ने एक महान चिंतक और बड़ा नेता खो दिया। बाद में सभी ने एक मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
उधर, शाम को कुछ रंगारंग कार्यक्रम हुए। जिसमें भक्ति गीत ही गाए गए। पटना के लोक गीत गायक सत्येन्द्र कुमार ने भक्ति गीत की शुरूआत की.। तूने अजब रचा भगवान खिलौना माटी का गाकर आकर्षक प्रस्तुति की और उपस्थित श्रोताओं का दिल जीत लिया। उन्होंने एक के बाद एक-झुलनी का रंग सांचा, हमार पिया, जरा धीरे-धीरे, जरा हौले-हौले गाड़ी हाको रे मेरे राम गाड़ीवान जैसे मनभावन भजन की प्रस्तुति कर उपस्थित लोगों को भक्ति की समा में बांधे रखा। प्रशाल में उपस्थित भजन प्रेमी तालियों पर प्रतिबंध होने के कारण हाथ हिलाकर कलाकारों का उत्साहवर्द्धन कर रहे थे।
भजन गायक सत्येंद्र ने श्रोताओं को यह एहसास करा दिया कि पांच तत्वों से बनी इस काया के बिना सब कुछ बेकार है। उनका कहना था की धर्म की राह पर चलने वालों को ही मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि राम गाड़ीवान की गाड़ी से धर्मी तो उतर गए, लेकिन सभी पापी चकनाचूर हो गए। अंत में उन्होंने अपने गायन के माध्यम से बिहार का भी गुणगान किया। इस कड़ी में उन्होंने कहा कि सीता की जन्मभूमि ये है मेरा बिहार, गांधी की कर्मभूमि ये है मेरा बिहार, अशोक सम्राट की धर्मभूमि ये है मेरा बिहार, बाल्मिकी ने रची रामायण लव कुश को जाने संसार ये है मेरा बिहार, जैन धर्म महावीर कहलाए यही अवतार ये है मेरा बिहार। इसके उपरांत कृष्ण क्लब बरारी द्वारा दानवीर कर्ण लघु नाटिका की आकर्षक प्रस्तुति की गई।