सौर मंडल में सूर्य के बाद सबसे बड़ा ग्रह वृहस्पति आज रात खूब चमकीला नजर
आएगा जिससे खगोल प्रेमियों को आसमान में गजब का नजारा देखने को मिलेगा।
प्लैनटरी सोसाइटी ऑफ इंडिया के एन श्री रघुनंदन कुमार ने बताया कि
सौर मंडल का यह ग्रह अपने निकटतम उपागम पर है और सामान्य की तुलना में बड़ा और चमकीला प्रतीत होता है।
उन्होंने बताया कि कल पूर्वी दिशा में सूर्यास्त के एक घंटे के बाद वृहस्पति को खुली आंखों से देखा जा सकता है। इसे पूरी रात देखा जा सकता है और मध्य रात्रि में अधिक उंचाई पर दक्षिण दिशा में इसे देखा जा सकता है।
कुमार के मुताबिक, प्राकृतिक उपग्रहों की बहुत बड़ी संख्या वाला वृहस्पति कल रात ‘वियुति’ में होगा। उन्होंने बताया कि कोई ग्रह तब वियुति में रहता है जब धरती से हमारी दृष्टि से सूर्य की सीधे वियुति में होता है।
इससे पहले 29 अक्तूबर 2011 को वृहस्पति वियुति में गया हुआ था और अगली बार यह छह जनवरी 2014 को वियुति में जाएगा।
धरती से वृहस्पति की न्यूनतम दूरी 58.8 करोड़ किलोमीटर है जबकि इसकी अधिकतम दूरी लगभग 96.7 करोड़ किलोमीटर है।
प्लैनटरी सोसाइटी ऑफ इंडिया के एन श्री रघुनंदन कुमार ने बताया कि
सौर मंडल का यह ग्रह अपने निकटतम उपागम पर है और सामान्य की तुलना में बड़ा और चमकीला प्रतीत होता है।
उन्होंने बताया कि कल पूर्वी दिशा में सूर्यास्त के एक घंटे के बाद वृहस्पति को खुली आंखों से देखा जा सकता है। इसे पूरी रात देखा जा सकता है और मध्य रात्रि में अधिक उंचाई पर दक्षिण दिशा में इसे देखा जा सकता है।
कुमार के मुताबिक, प्राकृतिक उपग्रहों की बहुत बड़ी संख्या वाला वृहस्पति कल रात ‘वियुति’ में होगा। उन्होंने बताया कि कोई ग्रह तब वियुति में रहता है जब धरती से हमारी दृष्टि से सूर्य की सीधे वियुति में होता है।
इससे पहले 29 अक्तूबर 2011 को वृहस्पति वियुति में गया हुआ था और अगली बार यह छह जनवरी 2014 को वियुति में जाएगा।
धरती से वृहस्पति की न्यूनतम दूरी 58.8 करोड़ किलोमीटर है जबकि इसकी अधिकतम दूरी लगभग 96.7 करोड़ किलोमीटर है।