
इस बीच, केंद्र सरकार के मंत्रियों को यूपीए के बचे हुए कार्यकाल में
गैर-कांग्रेस शासित राज्यों में कार्यक्रमों पर ज्यादा फोकस करना होगा।
कार्यकर्ताओं को ज्यादा तरजीह और घोषणा पत्र के वादे पूरा कर कांग्रेस
अध्यक्ष को स्टेटस रिपोर्ट देनी होगी। यह पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और
महासचिव राहुल गांधी के प्लान नेक्स्ट का हिस्सा है जिसकी तैयारी में
पार्टी जुट गई है। सोनिया द्वारा दो साल पहले बुराड़ी महाधिवेशन में किए गए
वादों को पूरा करने के लिए भी कांग्रेस मुस्तैद हो गई है।
रामलीला मैदान में रैली की सफलता के बाद मंत्रियों को आगे की तैयारी
में जुटने को कहा गया है। नौ नवंबर को सूरजकुंड में संवाद बैठक से पहले
मंत्री घोषणा पत्र के वादों का स्टेटस तैयार करा रहे हैं। संवाद बैठक में
मौजूदा राजनीतिक स्थिति और आर्थिक चुनौतियों के साथ यह भी चर्चा होगी कि
किन वादों को पूरा किया और कौन-से वादे अधूरे रह गए।
एक वरिष्ठ मंत्री ने भास्कर से कहा कि पार्टी अध्यक्ष ने साफ कर दिया
है कि अगले चुनाव में जाने से पहले हमें बताना होगा कि लोगों के हित में
क्या कदम अपने वादों के मुताबिक हमने उठाए हैं। लिहाजा किए गए कामों की
स्टेटस रिपोर्ट तैयार करवा रहे हैं। रैली में राहुल और सोनिया दोनों ने
खाद्य सुरक्षा कानून का वादा किया। इसकी स्टेटस रिपोर्ट मंत्रालय ने तैयार
करवा ली है। खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रो के वी थॉमस ने कहा खाद्य सुरक्षा
कानून पर हम तेजी से आगे बढऩे का प्रयास कर रहे हैं।
पार्टी का फोकस सामाजिक कल्याण के कार्यक्रमों पर है। मानव संसाधन
विकास, सामाजिक कल्याण्, स्वास्थ्य मंत्रालय, ग्रामीण विक, खाद्य आपूर्ति,
कार्मिक जैसे मंत्रालयों से जुड़ी योजनाओं का स्टेटस प्राथमिकता पर देखा
जाना है। इन सभी मंत्रालयों के कार्यक्रमों पर राहुल गांधी की खुद नजर है।
मानव संसाधन विकास और ग्रामीण विकास मंत्रालयों में राहुल पहले से ही
ज्यादा दिलचस्पी लेते रहे हैं।
सोनिया का वादा :- सोनिया ने बुराड़ी में कहा था कि मंत्री
कार्यकर्ताओं से नहीं मिलते यह शिकायत दूर करें। जहां कांग्रेस की सरकारें
नहीं हैं वहां कार्यकर्ताओं की हौसला आफजाई के लिए उनकी बात सुनें। ताजा
फेरबदल के बाद मंत्रियों को इस वादे की याद दिलाई गई है।