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मोबाइल फोन के लिए फर्जी डाक्यूमेंट पर पुलिस कार्रवाई


क्या हैं गाइडलाइंस
9 नवंबर से प्री-पेड व पोस्ट-पेड मोबाइल फोन कनेक्शन तभी दिए जाएंगे जब भौतिक रूप से ग्राहक जांच हो जाएगी पूरी
इस तरह के कनेक्शन लेने वाले ग्राहकों द्वारा दी गई किसी भी गलत जानकारी के लिए टेलीकॉम ऑपरेटर होंगे जिम्मेदार|


सिम कार्ड बेचने वाला व्यक्ति यह लिखित में देगा कि उसने आवेदन फॉर्म पर चिपकाई गई तस्वीर से ग्राहक के चेहरे का मिलान कर लिया था
रिटेलरों को ग्राहकों के डाक्यूमेंट्स पर इस प्रमाण के लिए दस्तखत करने होंगे कि उन्होंने घर का पता व पहचान से जुड़े डाक्यूमेंट की मूल प्रतियां देख ली थीं
किसी ग्राहक का डाक्यूमेंट फर्जी पाने पर रिटेलर अथवा फें्रचाइजी को उस ग्राहक के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करानी होगी
किसी ग्राहक का डाक्यूमेंट व मूल प्रतियां दोनों ही फर्जी पाने पर रिटेलर अथवा फ्रेंचाइजी को 15 दिन के अंदर पुलिस में एफआईआर दर्ज करानी होगी

प्री-पेड और पोस्ट-पेड मोबाइल फोन कनेक्शन लेने के इच्छुक लोगों को अब सावधान हो जाना चाहिए। दरअसल, अगर किसी ने फर्जी डाक्यूमेंट देकर मोबाइल फोन कनेक्शन लिया तो उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी। दूरसंचार विभाग (डॉट) के कठोर दिशा-निर्देशों के तहत ही ऐसे लोगों पर सख्ती बरती जाएगी।
इन गाइडलाइंस के मुताबिक चालू सप्ताह के अंत से प्री-पेड और पोस्ट-पेड मोबाइल फोन कनेक्शन ग्राहकों को तभी दिए जाएंगे जब भौतिक रूप से उनकी जांच पूरी हो जाएगी। ये दिशा-निर्देश 9 नवंबर से प्रभावी माने जाएंगे।
इन दिशा-निर्देशों में यह भी साफ तौर पर कहा गया है कि प्री-पेड और पोस्ट-पेड मोबाइल फोन कनेक्शन लेने वाले ग्राहकों द्वारा दी गई किसी भी गलत जानकारी के लिए टेलीकॉम ऑपरेटर जिम्मेदार होंगे। नए नियमों के तहत सिम कार्ड बेचने वाला अधिकृत व्यक्ति यह लिखित में देगा कि उसने प्री-पेड अथवा पोस्ट-पेड मोबाइल फोन कनेक्शन के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति को खुद देखा था
और आवेदन फॉर्म पर चिपकाई गई तस्वीर से उसके चेहरे का मिलान कर लिया था। इसके अलावा रिटेलरों को इन ग्राहकों द्वारा पेश किए जाने वाले डाक्यूमेंट्स पर इस प्रमाण के लिए दस्तखत करने होंगे कि उन्होंने घर का पता तथा उपभोक्ता पहचान से जुड़े डाक्यूमेंट की मूल प्रतियां देख ली थीं।
अगर किसी ग्राहक द्वारा पेश किया गया डाक्यूमेंट फर्जी पाया गया तो संबंधित रिटेलर अथवा फें्रचाइजी को उस ग्राहक के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करानी होगी। अगर किसी ग्राहक द्वारा पेश किया गया डाक्यूमेंट और उसकी मूल प्रतियां दोनों ही फर्जी पाई गईं तो वैसी स्थिति में संबंधित ऑपरेटर को सूचित करने के बाद रिटेलर अथवा फ्रेंचाइजी को 15 दिन के अंदर पुलिस में एफआईआर दर्ज करानी होगी।