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ब्रिटेन में उठी मलाला को नोबेल प्राइज देने की मांग

महिलाओं की एजुकेशन के लिए कैंपेन चलाने पर तालिबान की गोली की शिकार हुई पाकिस्तानी टीनेजर मलाला यूसुफजई को नोबेल प्राइज देने की मांग उठने लगी है। ब्रिटेन के हजारों लोगों ने सरकार से मांग की है कि मलाला को नोबेल के लिए नॉमिनेट किया जाए।

ब्रिटेन में पाकिस्तानी मूल की एक ब्रिटिश महिला की अगुवाई में एक अभियान चल रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री
डेविड कैमरन और दूसरे सीनियर गवर्नमेंट ऑफिशल से मांग की गई है कि यूसुफजई को नोबेल पीस प्राइज के लिए नॉमिनेट किया जाए। नोबेल कमिटी के नियमों के मुताबिक सिर्फ प्रतिष्ठित व्यक्ति, जैसे कि नैशनल असेंबली और सरकार के सदस्य ही किसी को प्राइज के लिए नॉमिनेट कर सकते हैं। कैंपेन की लीडर शाहिदा चौधरी ने ग्लोबल पिटिशन प्लैटफॉर्म change.org पर कहा है, 'मलाला सिर्फ एक लड़की नहीं है, बल्कि वह उन सभी के लिए एक सिंबल है, जो जेंडर या किसी दूसरी वजहों से भेदभाव का सामना कर रहे हैं।'

15 साल की मलाला को तालिबान ने 9 अक्टूबर को इसलिए गोली मार दी थी, क्योंकि वह महिलाओं के लिए एजुकेशन की मांग कर रही थी। दरअसल तालिबान नेता मौलाना फजलुल्लाह ने पाकिस्तान की स्वात घाटी में लड़कियों के स्कूल जाने पर रोक लगाई हुई है। तालिबान के आतंक के चलते कोई भी अपनी बेटियों को स्कूल भेजने की हिम्मत नहीं कर पा रहा था। ऐसे में मलाला ने तालिबान के खिलाफ बिगुल फूंकते हुए लड़कियों को फिर से स्कूल पहुंचाने का बीड़ा उठाया। मलाला की कोशिशें सफल होते देख तालिबानियों ने उसे अपने रास्ते से हटाने के लिए सिर पर गोली मार दी थी।

एक महीना पहले जब मलाला को लंदन लाया गया, तब वह जिंदगी और मौत के बीच झूल रही थी। लेकिन अब उसकी सेहत में सुधार हुआ है और वह खतरे से बाहर है। हाल ही में मलाला की एक तस्वीर रिलीज हुई है, जिसमें वह किताब पढ़ते हुए दिख रही हैं। मलाला के पिता का कहना है कि उनकी बेटी अस्पताल से छुट्टी मिलते ही अपने सपनों को पूरा करने के में जुट जाएगी।