-बुद्धिजीवियों ने व्यक्त की अपनी राय
इन दिनों मोबाइल सेवा के क्षेत्र में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। 21वीं सदी
में दूर संचार के क्षेत्र में होने वाली सबसे बड़ी क्रांति मोबाइल क्रांति है। जिसका परिणाम यह है कि आज मोबाइल इंसान की पहली जरूरत बन गई है। लेकिन मोबाइल सेवा को बहाल करने और रखने के लिए जगह-जगह मोबाइल टावर लगाना नितांत आवश्यक है।
इस बाबत किशनगंज जिला दूर संचार केन्द्र के टीडीई अभय कुमार बताते हैं कि केन्द्र सरकार की नीति के अनुसार लगाए गए दो मोबाइल टावरों के बीच की दूरी 1.5 किलोमीटर होनी चाहिए। जिले में कार्यरत विभिन्न मोबाइल कंपनियों को चाहिए कि वे मिलकर संचार के क्षेत्र में काम करे। प्रत्येक डेढ़ किलोमीटर के दायरे में आने वाले एक ही मोबाइल टावर का पर जिले में कार्यरत मोबाइल टावर कंपनियों को अपना एंटीना लगाकर मोबाइल सेवा बहाल करना चाहिए। यह हमेशा कोशिश करना चाहिए कि मोबाइल टावर स्कूल, अस्पताल और प्रशिक्षण केन्द्र से दूर होने चाहिए।
वहीं शिशु रोग विशेषज्ञ सह प्रोफेसर एमजीएम कॉलेज डा. दिलीप कुमार ने बताया कि एक सौ मीटर के दायरे में स्थापित मोबाइल टावर से निकलने वाली किरणों का दुष्परिणाम इंसान पर पड़ता है। इस किरण से मस्तिष्क कैंसर, दिल की बीमारी, आंख और कान की बीमारी विशेष रूप से उत्पन्न होती है। गर्भवती महिलाओं के गर्भ गिरने की संभावना 50 फीसदी बढ़ जाती है। इसका सबसे बड़ा कुप्रभाव बच्चों के मानसिक विकास पर पड़ता है। जिसके कारण बच्चों में सोचने और समझने की शक्ति घटने लगती है।
अनुमंडल कृषि पदाधिकारी अशोक महाराज ने बताया कि मोबाइल टावर में मैगनेटीक पावर लगी रहती है। इस मैगनेटीक पावर के चलते जो किरण निकलती है। उससे पेड़ पौधे में फलन प्रक्रिया प्रभावित होती है। साथ ही प्रकाश संश्लेषण की क्रिया पेड़ पौधे में कमजोर पड़ने लगती है और उसकी बढ़ोतरी में भी कमी होने लगती है।
इन दिनों मोबाइल सेवा के क्षेत्र में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। 21वीं सदी

इस बाबत किशनगंज जिला दूर संचार केन्द्र के टीडीई अभय कुमार बताते हैं कि केन्द्र सरकार की नीति के अनुसार लगाए गए दो मोबाइल टावरों के बीच की दूरी 1.5 किलोमीटर होनी चाहिए। जिले में कार्यरत विभिन्न मोबाइल कंपनियों को चाहिए कि वे मिलकर संचार के क्षेत्र में काम करे। प्रत्येक डेढ़ किलोमीटर के दायरे में आने वाले एक ही मोबाइल टावर का पर जिले में कार्यरत मोबाइल टावर कंपनियों को अपना एंटीना लगाकर मोबाइल सेवा बहाल करना चाहिए। यह हमेशा कोशिश करना चाहिए कि मोबाइल टावर स्कूल, अस्पताल और प्रशिक्षण केन्द्र से दूर होने चाहिए।
वहीं शिशु रोग विशेषज्ञ सह प्रोफेसर एमजीएम कॉलेज डा. दिलीप कुमार ने बताया कि एक सौ मीटर के दायरे में स्थापित मोबाइल टावर से निकलने वाली किरणों का दुष्परिणाम इंसान पर पड़ता है। इस किरण से मस्तिष्क कैंसर, दिल की बीमारी, आंख और कान की बीमारी विशेष रूप से उत्पन्न होती है। गर्भवती महिलाओं के गर्भ गिरने की संभावना 50 फीसदी बढ़ जाती है। इसका सबसे बड़ा कुप्रभाव बच्चों के मानसिक विकास पर पड़ता है। जिसके कारण बच्चों में सोचने और समझने की शक्ति घटने लगती है।
अनुमंडल कृषि पदाधिकारी अशोक महाराज ने बताया कि मोबाइल टावर में मैगनेटीक पावर लगी रहती है। इस मैगनेटीक पावर के चलते जो किरण निकलती है। उससे पेड़ पौधे में फलन प्रक्रिया प्रभावित होती है। साथ ही प्रकाश संश्लेषण की क्रिया पेड़ पौधे में कमजोर पड़ने लगती है और उसकी बढ़ोतरी में भी कमी होने लगती है।