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डीआइजी ने परबत्ता थानाध्यक्ष को किया निलंबित

नवगछिया पुलिस जिला में लगातार बढ़ रहे अपराध को भागलपुर डीआइजी ने गंभीरता से लिया है। शनिवार को एसपी कार्यालय में लंबित कांडों की समीक्षा के दौरान परबत्ता थानाध्यक्ष की घोर लापरवाही देख उसे तत्काल निलंबित कर दिया गया। डीआइजी ने समीक्षा के दौरान नवगछिया, बिहपुर, खरीक एवं गोपालपुर पुलिस की कार्यशैली पर गहरी नाराजगी जताते हुए फरार घूम रहे कांड के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है। परबत्ता थाना दर्ज 2009 के हत्या के एक केस की समीक्षा के दौरान डीआइजी ने पाया कि सात आरोपी छुट्टा घूम रहे हैं। एक साल आठ महीने से पुलिस ने केस डायरी तक नहीं लिखी है। इस केस में महज एक आरोपी को ही पुलिस पकड़ पाई है। 2009 में ही केस में सभी आरोपियों की गिरफ्तारी का निर्देश दिया जा चुका है बावजूद थानाध्यक्ष ने आरोपियों को नहीं पकड़ा। कांडों की समीक्षा के दौरान डीआइजी ने सभी थानाध्यक्षों को थाना मुख्यालय में रात बिताने के साथ ही अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया। डीआइजी ने कहा कि अब अपराध हुए तो थानेदारों की खैर नहीं है। प्रभावी गश्ती होनी चाहिए। वाहनों की सुबह शाम चेकिंग कीजिए। जेल से छूटे बदमाशों पर विशेष नजर रखने की सख्त हिदायत उन्होंने दी। डीआइजी ने प्रीतम हत्याकांड में पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए चार संदिग्धों से भी लंबी पूछताछ की।