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स्वामी आगमानंद और भगवान राम का एक साथ मनाया गया जन्मोत्सव

स्वामी आगमानंद और भगवान राम का एक साथ मनाया गया जन्मोत्सव 

राजेश कानोड़िया, नवगछिया/ दिलीप शास्त्री सहरसा : रामनवमी के मौके पर नवगछिया में कई जगहों के अलावा भागलपुर, कटिहार, मधेपुरा, खगड़िया के साथ साथ बेगलुरु, हैदराबाद, दिल्ली, कलकत्ता, मुम्बई, लखनऊ, अयोध्याधाम सहित अन्य प्रदेश में भी स्वामी आगमानंद और भगवान राम का एक साथ जन्मोत्सव मनाया गया। वहीं बिहार के सहरसा जिले का रौंता गांव अयोध्याधाम जैसा बन गया था। जहां सुबह सबसे पहले लगमाघाट पुल से भव्य शोभायात्रा निकाली गई। एक रथ पर भगवान राम विराजमान थे तो दूसरे पर स्वामी आगमानंद। हजारों-हजार की संख्या में भक्त शोभायात्रा में शामिल थे। सभी भगवान राम, भक्तराज हनुमान और जय गुरुदेव का जयकारा लगा रहे है। हाथ में भगवा ध्वज लेकर सभी आगे बढ रहे थे। ऐसा लग रहा था स्वयं इस धरा पर भगवान उतर आए हों। शोभायात्रा जैसे ही कार्यक्रम स्थल पर पहुंची वहां पालकी पर भगवान राम की प्रतिमा स्थापित की गई। पालकी को स्वयं स्वामी आगमानन्द ने कांधे पर उठाकर मंच पर आसीन किया। लोगों ने भगवान राम के साथ स्वामी आगमानंद का जन्मोत्सव मनाया। 
बताते चलें कि स्वामी आगमानंद का अवतरण भी रामनवमी के दिन ही नवगछिया के नगरह गांव में हुआ था। स्वामी आगमानंद जी महाराज श्री शिवशक्ति योगपीठ नवगछिया के पीठाधीश्वर हैं, साथ ही श्री उत्तरतोताद्रि मठ विभीषणकुंड अयोध्याधाम के उत्तराधिकारी भी हैं। जिन्हें जगद्गुरु रामानुजाचार्य श्री रामचंद्राचार्य परमहंस की उपाधि प्राप्त है।
सनातन धर्म की करें रक्षा :
जगद्गुरु रामानुजाचार्य श्री रामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज को सहरसा जिले के रौता की स्थानीय समिति की तरफ से चांदी का एक भव्य सिंहासन दिया। इसके बाद गुरुपूजन किया गया। चरण पादुका पूजन हुआ। स्वामी आगमानंद से आशीर्वाद लेने के लिए देर रात तक लोग पंक्ति में खड़े रहे। स्वामी आगमानन्द को उनके जन्मदिन पर कई उपहार दिए। स्वामी आगमानंद ने कहा कि संत को संपत्ति से क्या काम। वह तो एक हाथ से लेता है दूसरे हाथ से बांट देता है। अगर  मुझे कुछ देना है तो सनातन धर्म की रक्षा का वचन दें। गीता, गंगा, गाय, गायत्री और गोविंद के लिए अपने आपको समर्पित कर दें। अपने धन का उपयोग सेवा कार्य में लगा दें। मनुष्य आपस में प्रेम, सहिष्णुता और सद्भाव के साथ रहे, यही मेरा आशीर्वाद है।

अभिनंदन: नगरह की तृप्ति पांडेय ने स्वामी आगमानंद के बचपन से लेकर अब तक के जीवन वृतांत के कई दिव्य पहलुओं की चर्चा करते हुए अभिनंदन पत्र पढ़ा। इसके बाद तृप्ति ने अपनी स्वरचित कविता का सुंदर पाठ किया। उन्होंने स्वामी आगमानंद  को उनके बचपन से लेकर अब तक के कई तस्वीर को संग्रह कर प्रदान किया। 

मौके पर पहुंचे कोसी प्रक्षेत्र के डीआइजी मनोज कुमार ने कहा कि स्वामी आगमानन्द का पहले भी कई बार मुझे सानिध्य मिला है। मैं काफी उनसे अभिभूत हूं। मेरा सौभाग्य है कि उनके अवतरण दिवस के इस भव्य समारोह में शामिल होने मुझे भी बुलाया गया, समिति का धन्यवाद। डीआइजी ने कहा कि स्वामी आगमानन्द सिद्ध संत हैं, जो लोगों का कल्याण करते हैं।
इसी दौरान मानस कोकिला कृष्णा मिश्रा ने कहा स्वामी आगमानंद का अवतार इस धरा पर लोगों के कल्याण के लिए हुआ है। उन्होंने भगवान राम के जन्म की कथा सुनाई। स्वामी आगमानंद  को राम का ही एक अवतार कहा।

बहती रही भक्ति  की सरिता :
रौता में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम एवं जगद्गुरु रामानुजाचार्य श्री रामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानन्द जी   का जन्मोत्सव काफी धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर भजन सम्राट डॉ हिमांशु मोहन मिश्रा दीपक जी ने भी कई भजन सुनाया। जहां माधवानंद, बलबीर सिंह बग्घा, राजीव सिंह, प्रभात झा, सौमी मजूमदार, रवि राज, स्नहे आर्यण ( मुम्बई), समीर पांडे, गुलशन, मोहनी, कृष्ण राज, मिथुन, अजीत सिंह, रविश, कपिश,  कुंदन, सुदर्शन, समीर पाण्डेय, राजू, नंदन, भजूहरी, आदि ने एक से बढ़कर संगीत प्रस्तुत कर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। रात भर भक्ति की गंगा में श्रोता डूबकी लगाते रहें। दर्जन भर से अधिक संगीत कलाकारों की प्रस्तुति से इलाका भक्तिमय हो उठा।

अन्य प्रदेश में भी मनाया जन्मोत्सव : स्वामी आगमानन्द जी महराज का 56वां जन्मोत्सव के अवसर पर सहरसा के रौंता में तो भारत भर से लोग आए थे। जो नहीं आ पाए ऐसे लोगों ने अपने अपने घरों में उनके चित्र के सामने पूजा अर्चना की। उनके अनुयायी बिहार ही नहीं बेगलुरु, हैदराबाद, दिल्ली, कलकत्ता, मुम्बई, लखनऊ, अयोध्याधाम के साथ-साथ अन्य प्रदेश में भी मनाया। स्वामी जी के तैल चित्र प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर जन्मोत्सव मनाया। भक्तों के द्वारा अपने सदगुरू के प्रति कृतज्ञता जाहिर की। उनका सानिध्य पाकर अपने भाग्य को धन्य समझ रहे है। अनुयायियों ने यह भी कहा कि स्वामी जी सनातन धर्म के ध्वजावाहक के रूप में लोक कल्याणकारी कार्य कर लोगों को सद्मार्ग  का रास्ता दिखाया है।

इस अवतरण दिवस कार्यक्रम को पंडित ज्योतिन्द्रानाथ महाराज, गीतकार राजकुमार, प्रो नृपेन्द्र वर्मा, शिव प्रेमानंद भाई जी, स्वामी मानवानंद, विनय परमार, दिलीप शास्त्री, कुंदन बाबा, मनोरंजन प्रसाद सिंह आदि ने भी संबोधित किया। मौके पर भक्तजनों ने 56 भोग लगाया तथा पुष्प वर्षा किया। दुरदाज से  स्वामी जी के अनुयायी पहुचकर 56 भोग लगाने में शामिल हुए। वहीं पूजन पाठ के साथ साथ कई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महाआरती की टीम के लोग बनारस से पहुचें थे। जहां उन्होंने  कलात्मक महाआरती कर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिया। विद्वान पंडित के वैदिक मंत्रोच्चारण से दिनभर माहौल भक्तिमय बना रहा।  ‌पंडित अनिरुद्ध शास्त्री, कौशलेन्द्र झा, गौतम सामवेदि आदि ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजन कराया। पूरे आयोजन के दौरान आयोजन समिति के सदस्य शैंपू सिंह, ज्योति कुमार सिंह, संतोष कुमार समदर्शी, बच्चन जी, चुना जी, चंदन, नवनीत, विनीत, विवेक आदि सक्रिय भूमिका निभा रहे थे।