योग आज दुनिया भर के लोगों की पहली प्राथमिकता है: स्वामी आगमानंद
नव-बिहार समाचार, नवगछिया भागलपुर। भारत सहित दुनियाभर में शुक्रवार को 10वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। इस अवसर पर भागलपुर जिला अंतर्गत श्री शिव शक्ति योगपीठ नवगछिया के तत्वाधान में नवगछिया स्थित जीरो माइल में श्री रामचंद्राचार्य परमहंस स्वामी आगमानंद महाराज के सानिध्य में सैकड़ों लोगों ने योग किया। योग करने से पहले स्वामी आगमानंद महाराज ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि योग से हमें शक्ति मिलती है। आज दुनिया भर में योग लोगों की पहली प्राथमिकता बन चुकी है। उन्होंने बताया कि साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएन में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा था और तब भारत के प्रस्ताव का 177 देशों ने सर्वसम्मति से समर्थन किया था, ये अपने आप में एक रिकॉर्ड था। तब से यह लगातार नए रिकॉर्ड बनाता जा रहा है। 2015 में दिल्ली में 35 हजार लोगों ने एक साथ योग किया था, ये भी विश्व रिकॉर्ड ही था। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिछले साल अमेरिका में यूएन हेडक्वार्टर में योग दिवस के आयोजन का नेतृत्व करने का अवसर मिला था। इसमें भी 130 से ज्यादा देशों के लोगों ने हिस्सा लिया था।
पूरी दुनिया में योग करने वालों की बढ़ रही तादात
स्वामी आगमानंद महाराज ने कहा कि 2015 से योग की ये यात्रा अनवरत जारी है। उन्हें खुशी है कि आज देश में 100 से ज्यादा बड़े संस्थानों को मान्यता मिली है। विदेश के 10 बड़े संस्थानों ने भी भारत से मान्यता प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया में योग करने वालों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। योग के प्रति आकर्षण और योग की उपयोगिता भी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि मैं विश्व में जितने भी जगहों पर जाता हूं, शायद ही कोई ऐसा हो, जहां शायद योग की बात न होती हो।
योग से समाज में आ रहा बदलाव
स्वामी आगमानंद महाराज ने कहा कि विश्व के कई देशों में योग दिनचर्या का हिस्सा बन रहा है। सऊदी में तो योग एजुकेशन सिस्टम में ही शामिल है। योग पर आज रिसर्च हो रहे है। नेता भी अब योग की बातें करते दिख रहे हैं। योग से समाज में बदलाव आ रहा है। उन्होंने कहा कि अध्यात्म के प्रचार प्रसार के दौरान उन्हें जब कभी भी मौका मिलता है वह योग की चर्चा जरूर कर अपनी जिज्ञासा को समाप्त करते हैं। उन्होंने बताया कि अंग प्रदेश में भी योग फाउंडेशन के तहत कई संस्थान चलाए जा रहे हैं। दुनिया के अन्य देशों में भी योग का चलन तेजी से बढ़ा है। जर्मनी में आज करीब 1 करोड़ लोग योग प्रेक्टिशनर बन चुके हैं। इसी साल भारत में फ्रांस की 101 साल की महिला योग टीचर को पद्मश्री अवॉर्ड दिया गया था, जबकि वह कभी भारत नहीं आईं लेकिन उन्होंने योग प्रचार के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। आज विश्व के बड़े-बड़े इंस्टीट्यूशन्स और यूनिवर्सिटीज में योग को महत्व दिया जा रहा है। इस मौके पर कुंंदन बाबा, स्वामी शिव प्रेमानंद भाई जी, स्वामी मानवानंद, पंडित प्रेम शंकर भारती सहित सैकड़ों लोग शामिल थे।