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काल के त्रास को कम करती है भागवत कथा- स्वामी आगमानंद

शाहकुंड, भागलपुर । भागवत कथा के दौरान परमहंस स्वामी आत्मानंद जी महाराज ने अपने प्रवचन के दौरान बताया कि भागवत कथा के श्रवण से मन के कुविचार सुविचारों में बदलने प्रारंभ हो जाते हैं। इससे ज्ञान और वैराग्य की उत्पत्ति भी प्रारम्भ हो जाती है तथा मनुष्य ईश्वर के सानिध्य की ओर अग्रसर होता जाता है। कथा का श्रवण सभी पापों को भी हर लेता है तथा काल के त्रास को भी कम कर देता है।

उपरोक्त बातें शाहकुंड प्रखंड के बकचप्पर गांव के शतचंडी यज्ञ में परमहंस स्वामी आत्मानंद जी महाराज ने अपने प्रवचन के दौरान कही। इससे पूर्व कथावाचन में मानस कोकिला श्रीमती कृष्णा मिश्रा ने श्रद्धालुओं को हनुमान जी की निश्चल भक्ति के प्रसंग में माता जानकी के प्रति त्याग, समर्पण, कर्तव्यनिष्ठा व चारित्रिक मूल्यों के अनूठे संग्रह को सुनाया। जहां दूर दराज से आए सभी श्रद्धालु भक्ति से झूम उठे। मौके पर अध्यात्म संघ बकचप्पर के सदस्य व ग्रामीण लोग श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर दिखे।