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200 के नोट एटीएम की बजाय बैंक के माध्यम से प्रचलन में लाने की तैयारी


नव-बिहार न्यूज नेटवर्क, नईदिल्ली। नोटबंदी के बाद बैंकों और एटीएम के बाहर महीनों लंबी-लंबी लाइनें लगी रही थीं। धीरे-धीरे लाइनें खत्म हो गईं। लोगों के पास पर्याप्त कैश भी आ गया। रिजर्व बैंक ने 1000 रुपये का नोट बंद करके 2000 रुपये का नोट निकाला था। इस नोट के खुले भी आसानी से नहीं मिलते। अब भारतीय रिजर्व बैंक लोगों की इसी परेशानी को देखते हुए लोगों को राहत देना चाहता है। आरबीआई 200 रुपये का नोट चलन में लाने की तैयारी कर रहा है। रिजर्व बैंक चाहता है कि 200 रुपये के नोटों को एटीएम के माध्यम से लोगों तक न पहुंचाया जाए। इस नोट को सीधे बैंक से ही लोगों को दिया जाए। ठीक वैसे ही जैसे 50 रुपये और 10 रुपये के नोटों को दिया जाता है। रिजर्व बैंक की तरफ से मार्च में ही इसकी इजाजत मिल चुकी है।

बैंक के एक अधिकारी ने बताया है कि 200 रुपये के नोट को एटीएम से देने का मतलब है कि देश के 220,000 एटीएम में सुधार करना। देश के सभी एटीएम को तकनीकी सुधार करके 200 रुपये का नोट बांटने लायक बनाने में एक महीने से ज्यादा का समय लग जाएगा। 8 नवंबर को नोटबंदी के बाद एटीएम लगभग 10 दिन में काम करने लगे थे। इसके बावजूद बैंकों और एटीएम के बाहर इतनी लंबी लाइनें लग गई थीं। लोगों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। इसलिए सिस्टम में बिना डिस्टर्ब किए 200 रुपये के नोटों को सीधे बैंक से ही बांटने की प्लानिंग की जा रही है। बैंक अधिकारी ने यह भी कहा कि अभी यह केवल एक प्रस्ताव है। 2000 रुपये का नोट आने के बाद से छोटे नोटों की दिक्कत हो रही है इसीलिए आरबीआई चाहता है कि और छोटे नोट भी चलन में लाए जाएं।

8 आठ नवंबर 2016 की रात को प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को अमान्य घोषित कर दिया था। देश में चल रही करंसी में इनकी 86 फीसदी हिस्सेदारी थी। इसके बाद इन नोटों को केवल अपने खाते में जमा किया जा सकता था या फिर बैंक से बदला जा सकता था। नोटबंदी के बाद 15.44 लाख करोड़ रुपये चलन से बाहर हो गए। इसमें 8.58 लाख करोड़ रुपये 500 रुपये के नोट थे और 6.86 लाख करोड़ रुपये के 1000 रुपये के नोट थे।