सांसद डेरेक ओब्रायन के बाद तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर हमला बोल दिया। ममता ने कहा किआज कहा कि मोदी बंगाली और गैर बंगालियों को बांटने का प्रयास कर रहे हैं।
ममता बनर्जी ने मोदी द्वारा कल श्रीरामपुर में एक रैली के दौरान उन पर लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि मोदी के आरोप आधारहीन हैं। उन्होंने कहा कि मोदी दानव हैं। उन्होंने अपने राज्य गुजरात में दंगे कराए और अब उनका ध्यान बंगाल की तरफ है।
ममता बनर्जी ने कहा कि जिस व्यक्ति को अगले प्रधानमंत्री के रूप में पेश किया गया है वह विभाजनकारी है और अगर वह प्रधानमंत्री बन गए तो देश अंधेरे में डूब जाएगा। गुजरात में विकास के दावों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पश्चिमी राज्य की तुलना में बंगाल में अच्छा काम हुआ है और मोदी की सरकार में वास्तव में गुजरात में विकास गिरा है।
उन्होंने कहा कि सच्चे विकास का पैमाना गरीबों का कल्याण है। हमने 100 दिनों की कार्य योजना में रोजगार सृजन करने में 5500 करोड रूपये खर्च किए जबकि गुजरात में केवल 500 करोड़ रुपये खर्च किए गए। बंगाल में राजस्व अर्जन 31 प्रतिशत तक बढ़ा है जबकि गुजरात में यह केवल 15 प्रतिशत बढ़ा है।
ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल में शिशु मृत्युदर एक हजार बच्चों के जन्म पर 31 है जबकि गुजरात में यह 42 है। जब मैंने ढाई साल पहले सत्ता संभाली थी तो बंगाल में तीन करोड़ मानव श्रम दिवसों का नुकसान हुआ था और अब यह संख्या शून्य है। हमने बंगाल में 92 प्रतिशत स्कूलों में शौचालय उपलब्ध कराए।
ममता ने कहा कि मोदी दार्जिलिंग को अलग करना चाहते हैं और अब वह राज्य में हिन्दुओं और मुसलमानों को बांटना चाहते हैं। मेरे बिहारी और मारवाडी मित्रों ने मोदी के बयान का विरोध किया है। लोग उन्हें एक भी वोट नहीं देंगे।
मोदी को इतिहास की जानकारी न होने का आरोप लगाते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि बांग्ला दुनिया में पांचवीं सबसे अधिक बोले जानी वाली भाषा है। भारत में जो लोग बांग्ला में बोलते हैं उन्हें बांग्लादेशी करार कर दिया जाता है। यह भेदभाव है। बंगाल इतिहास में एक बिंदु पर हमेशा एकजुट रहा है। हम अपने पडोसियों से प्यार और उनका आदर करते हैं।