दीपावली और ज्योतिष के बीच गहरा संबंध है। वर्तमान में दीपावली की रात साधारणत: काम, योग, कला, जादू-टोना एवं वशीकरण के लिए पूजा करने की बात प्रचलित है। परंतु तांत्रिकों व ज्योतिष के संबंध में यह धारणा गलत है। मूल रूप से तंत्र साधना, ईश्वरीय, आध्यात्मिक के साथ-साथ चमत्कारिक शक्ति हासिल करने का एक मार्ग है। जिसके माध्यम से जनकल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है।
दीपावली में किसी भी तरह के कार्य की शुरुआत करना शुभ माना गया है। परम्परा के अनुसार भी दीपावली के दिन कार्य की शुरुआत की जाती रही है। नए कार्यो के लिए शुभ मुहुर्त की बात को स्वीकार करते हैं पंडित।
दीपावली के शुभ मुहुर्त
ज्योतिष शास्त्र के जानकार आचार्य शिव शंकर ठाकुर कहते हैं कि दीपावली के दिन तथा रात के शुभ मुहुर्त का अपना-अपना महत्व है। उन्होंने बताया कि तीन नवम्बर को दीपावली के दिन सुबह 7:30 बजे से 9:47 तक वृश्कि लग्न, दोपहर 1:40 से 3:11 तक कुंभ लग्न, शाम को 6:16 से 8:12 तक वृष लग्न तथा रात में 12:44 से 2:58 तक सिंह लग्न है जिसका अपना-अपना अलग महत्व है।
मां लक्ष्मी के लिए गणेश की पूजा
दीपावली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा तथा धन संपदा की कामना के लिए भगवान गणेश की पूजा पहले की जाती है। कर्म कांड के अनुसार भी दीपावली के दिन लक्ष्मी के साथ गणेश की पूजा सदियों से होती आ रही है। आचार्य शिव शंकर ठाकुर ने बताया कि मां लक्ष्मी का वाहन उल्लू है इस कारण दीपावली के दिन उल्लू की भी पूजा की जाती है ताकि मां लक्ष्मी प्रसन्न रहे।