ताजा समाचार :

6/Posts/ticker posts

मोबाइल फोन पर मिलेंगी 100 से अधिक सेवाएं


चंडीगढ़ को वाई-फाई सिटी बनाया जाएगा और आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर बनेगा वल्र्ड क्लास का

इनफॉर्मेशन सिक्योरिटी पॉलिसी बनेगी
शहर को किसी भी प्रकार के साइबर खतरे से बचाने के लिए चंडीगढ़ इनफॉर्मेशन सिक्योरिटी पॉलिसी बनाई जाएगी। इलेक्ट्रानिक्स सिस्टम डिजाइन एंड मैन्यूफैक्चरिंग को प्रमोट करने के लिए चंडीगढ़ इंस्टीट्यूट आफ इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एंड मैन्यूफैक्चरिंग बनाया जाएगा।

स्टांप ड्यूटी व रजिस्ट्रेशन फीस में छूट मिलेगी
प्रशासन शहर में जमीन खरीदने और लीज पर लेने के दौरान आईटी कंपनियों को स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस में छूट देगा। आईटी कंपनियों को सोलर एनर्जी जनरेटिंग उपकरण खरीदने पर 75 परसेंट तक सब्सिडी दी जाएगी। प्रशासन के बजट में से 20 करोड़ की लागत से वैंचर कैपिटल फंड बनाया जाएगा। इस फंड से माइक्रो, स्मॉल और मीडियम आईटी इंटरप्राइजेज को मदद की जाएगी। आईटी कंपनियों को ग्रीन इंडस्ट्री माना जाएगा तथा उन्हें चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी से कंसेंट लेने में दिक्कत नहीं आएगी।

चंडीगढ़ प्रशासन ने तैयार की ड्राफ्ट आईटी पॉलिसी

नागरिकों को आने वाले समय में चंडीगढ़ प्रशासन के विभिन्न विभागों की सौ सेवाएं अपने मोबाइल पर ही मिल सकेंगी। लोगों को कहीं भी किसी भी समय यह सेवाएं उपलब्ध होंगी। शहर के हर नागरिक को हाई स्पीड इंटरनेट सेवा उपलब्ध होगी। चंडीगढ़ को वाई-फाई सिटी बनाया जाएगा।
शहर में आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर को वल्र्ड क्लास बनाया जाएगा। प्रशासन ने अपनी ड्राफ्ट आईटी पॉलिसी में इसका प्रावधान किया है। ड्राफ्ट पॉलिसी में विजन 2020 तैयार किया गया है। विजन 2020 के अंतर्गत पब्लिक डिलिवरी सिस्टम को आईटी के जरिए बेहतर बनाया जाएगा। शहर को आईटी कंपनियों के लिए एक बेहतर आईटी डेस्टिनेशन बनाने के लिए बिजनेस इनवायरमेंट तैयार किया जाएगा।
शहर में नॉलेज बेस्ड सोसाइटी की दिशा में प्रशासन काम करेगा। ड्राफ्ट आईटी पॉलिसी में शहर के हर परिवार में एक महिला को ई-साक्षर बनाने की बात कही गई है। शहर के लोगों को ई-सर्विसेज प्रदान करने के लिए प्रशासन एनएफसी, क्लाउड कंप्यूटिंग, मोबाइल तथा सोशल मीडिया का प्रयोग करेगा।
प्रशासन के सभी विभागों के रिकॉर्ड का डिजिटलाइजेशन किया जाएगा। प्रशासन के सभी विभागों को अपने प्लान बजट का 2 फीसदी ई-गवर्नेंस पर खर्च करने को कहा जाएगा। ई-गवर्नेंस प्रोजेक्ट के जरिए ही फास्ट ट्रैक फाइनेंशियल, लीगल और एडमिनिस्ट्रेटर अप्रूवल होंगी। ई-गवर्नेंस के लिए सेंटर आफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा। गांवों में इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बिछाया जाएगा।