केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने बाढ़ग्रस्त उत्तराखंड के लिए गुरुवार को 340 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की घोषणा की।
ग्रामीण विकास मंत्रालय भी इंदिरा आवास योजना के तहत गांवों में मकानों के
निर्माण के
लिए उत्तराखंड को विशेष सहायता देने के विचार पर काम कर रहा है।
इससे अलग प्रधानमंत्री ने भी बुधवार को राज्य के लिए 1,000 रुपये के पैकेज की घोषणा की थी।
रमेश ने कहा, "ग्रामीण विकास मंत्रालय आपदा को देखते हुए उत्तराखंड के लिए विशेष सड़क और आवासीय पैकेज पर काम कर रहा है। अगले सप्ताह हम 82 सड़कों और 27 पुलों पर विचार करेंगे, जिसके दायरे में 664 किलोमीटर की सड़कें आएंगी। इस पर कुल 340 करोड़ रुपये के आसपास खर्च होगा। अगले सप्ताह इसे मंजूरी दे दी जाएगी।" कार्यक्रम 18 महीने में पूरा होगा।
इस साल फरवरी में मंत्रालय ने उत्तरराखंड के लिए 472 करोड़ रुपये की लागत के साथ कुल 1,140 किलोमीटर के दायरे में 118 सड़कों तथा आठ पुलों को मंजूरी दी थी।
2013-14 के लिए इंदिरा आवास योजना के तहत गरीब परिवारों के लिए करीब 14 हजार मकान बनाने की योजना है, जिसके प्रत्येक मकान पर 75 हजार रुपये की लागत से कुल 105 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
रमेश ने कहा, "लेकिन इस अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदा के कारण वे विशेष सहायता के हकदार हैं। राज्य सरकार यह अनुमान लगाएगी कि कितने परिवारों ने अपना मकान खोया है और इसके बाद वह हमसे संपर्क करेगी। इसके बाद हम उनकी मांग पर जांच करेंगे।" उन्होंने यह संकेत दिया कि मंत्रालय राज्य में ग्रामीण आवासीय सुविधा के लिए अतिरिक्त 100 करोड़ रुपये जारी करने के लिए तैयार है।
लिए उत्तराखंड को विशेष सहायता देने के विचार पर काम कर रहा है।
इससे अलग प्रधानमंत्री ने भी बुधवार को राज्य के लिए 1,000 रुपये के पैकेज की घोषणा की थी।
रमेश ने कहा, "ग्रामीण विकास मंत्रालय आपदा को देखते हुए उत्तराखंड के लिए विशेष सड़क और आवासीय पैकेज पर काम कर रहा है। अगले सप्ताह हम 82 सड़कों और 27 पुलों पर विचार करेंगे, जिसके दायरे में 664 किलोमीटर की सड़कें आएंगी। इस पर कुल 340 करोड़ रुपये के आसपास खर्च होगा। अगले सप्ताह इसे मंजूरी दे दी जाएगी।" कार्यक्रम 18 महीने में पूरा होगा।
इस साल फरवरी में मंत्रालय ने उत्तरराखंड के लिए 472 करोड़ रुपये की लागत के साथ कुल 1,140 किलोमीटर के दायरे में 118 सड़कों तथा आठ पुलों को मंजूरी दी थी।
2013-14 के लिए इंदिरा आवास योजना के तहत गरीब परिवारों के लिए करीब 14 हजार मकान बनाने की योजना है, जिसके प्रत्येक मकान पर 75 हजार रुपये की लागत से कुल 105 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
रमेश ने कहा, "लेकिन इस अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदा के कारण वे विशेष सहायता के हकदार हैं। राज्य सरकार यह अनुमान लगाएगी कि कितने परिवारों ने अपना मकान खोया है और इसके बाद वह हमसे संपर्क करेगी। इसके बाद हम उनकी मांग पर जांच करेंगे।" उन्होंने यह संकेत दिया कि मंत्रालय राज्य में ग्रामीण आवासीय सुविधा के लिए अतिरिक्त 100 करोड़ रुपये जारी करने के लिए तैयार है।