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जनसंख्या वृद्धि, बाल विवाह व लिंगानुपात का इलाज है 'बेटियों की शिक्षा - नीतीश कुमार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को स्थानीय एसके मेमोरियल हाल में स्वास्थ्य विभाग के अभियान 'दस का दम स्वस्थ रहेंगे हम' की शुरुआत की। उन्होंने अश्विनी कुमार चौबे (स्वास्थ्य मंत्री) के नेतृत्व में निकली 'स्वास्थ्य जनचेतना यात्रा' को भी झंडी दिखायी।
इस अभियान के दौरान लोगों को स्वस्थ रहने के तरीके बताए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि, बाल विवाह और लिंगानुपात हमारी सबसे बड़ी समस्या है। और इन सब बीमारियों का इलाज है-'बेटियों की शिक्षा।'
मुख्यमंत्री के अनुसार हमारी सभी बेटियां पढ़-लिख जाएं तो बहुत हद तक इन समस्याओं पर काबू पाया जा सकता है। हम संयुक्त राष्ट्र द्वारा तय मिलेनियम डेवलपमेंट गोल से भी आगे जाना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री के मुताबिक हमने देखा है कि इन सब समस्याओं का इलाज है कि आप-हम बेटियों को शिक्षित करें। अगर बेटी मैट्रिक तक पढ़ जाती है तो फर्टिलिटी रेट 2 प्रतिशत पर आ जाएगी और अगर वह इंटर तक पढ़ जाती है तो यह दर घटकर 1.7 फीसद पर पहुंच जाती है। बेटी अगर पढ़ जाएगी तो भ्रूण परीक्षण कर बच्ची की जानकारी पा गर्भपात करने की प्रवृत्ति भी बंद होगी। बेटियों को शिक्षित करने के लिए उनकी सरकार को एक हजार हाई स्कूल तुरंत खोलना है। इन सब समस्याओं से निबटने के लिए वह स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से भी मदद लेंगे। बिहार में पुनर्जागरण हो रहा है। सभी लोग कठिन काम को आसान बनाएंगे।
'दस का दम' अभियान की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका मकसद है-बीमारियों से बचाव का उपाय जानना, इसे साकार करना। इसे अगर अपना लें हमें ढेर सारी बीमारियों से छुटकारा मिल जाएगा। उन्होंने यह उम्मीद भी जतायी कि यह अभियान हो सकता है कि इतना सफल हो जाए कि भविष्य में यह दूसरे प्रांतों के लिए नजीर बन जाए।
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के अनुसार हमारी सरकार वर्तमान वित्तीय वर्ष में स्वास्थ्य सेवाओं पर छह हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है। 'दस का दम' में जिन बातों का उल्लेख किया गया है, जब तक वह हमारे स्वभाव का अंग नहीं बनेगा, हम स्वस्थ नहीं रह सकते। इसे पंचायती राज संस्थाओं, पैक्स और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के माध्यम से प्रसारित किया जाये तो यह और अधिक कारगर होगा।
स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि इस अभियान के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग ने लोगों की मानसिकता बदलने की दिशा में एक बड़ी पहल की है। स्वास्थ्य जागरूकता के लिहाज से देश में पहली बार किसी सरकार ने इस स्तर का प्रयास किया है। आने वाले समय में इसे स्कूली पाठ्यक्रमों में भी शामिल किया जाएगा। स्वास्थ्य जनचेतना यात्रा के माध्यम से वह इसे हर चौक-चौराहों व गांवों तक पहुंचाएंगे।
अतिथियों का स्वागत स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार ने किया। इस मौके पर मुख्य सचिव एके सिन्हा, विकास आयुक्त फूल सिंह, समाज कल्याण विभाग के सचिव राजित पुनहानी, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के प्रधान सचिव रवींद्र पवार, संयुक्त राष्ट्र संघ के डिप्टी रिप्रेजेंटेटिव डेविड, स्टेट रिप्रेजेंटेटिव अमीन मजूमदार व एम्स के निदेशक डा. गिरीश कुमार भी मौजूद थे।