नवगछिया के 3 प्राचार्य सहित कुल 13 प्राचार्यो को उनके पद से विमुक्त करते हुए तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अंजनी कुमार सिन्हा ने
उन्हे पैतृक पद पर वापस कर
दिया है। विवि प्रशासन ने यह कार्रवाई पटना हाई कोर्ट द्वारा प्राचायरे की
नियुक्ति अवैध ठहराने के बाद शनिवार को की।
इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। वहीं उन सभी कॉलेजों में वरीय शिक्षकों को प्रभारी प्राचार्य बनाया गया है।
इन कालेजों में की गयी नयी नियुक्ति के तहत एमएएम कॉलेज नवगछिया में डॉ. मनीषा लहेरी को, जीबी कॉलेज नवगछिया में डॉ. जयप्रकाश सिंह, जोलॉजी विभाग को तथा जेपी कॉलेज नारायणपुर में जीतेन्द्र प्रसाद सिंह, रसासन विभाग को प्रभारी प्राचार्य बनाया गया है |
इनके अलावा ये भी बनाए गए हैं प्रभारी प्राचार्य --
मुरारका कॉलेज- डॉ. एसएन झा, राजनीति विज्ञान विभाग, एचएस कॉलेज - अखिलेश्वर सिंह, कोशी कॉलेज खगड़िया-डॉ. एसएल तुलसीयान, आरडी कॉलेज शेखपुरा- डॉ. सुधीर सिंह, फिजिक्स विभाग, केएसएस कॉलेज लखीसराय-रामावतार सिंह, फिजिक्स विभाग, जेआरएस कॉलेज जमालपुर डॉ. देवराज सुमन, जेएमएस कॉलेज मुंगेर- डॉ. राजकिशोर प्रसाद सिन्हा, कामर्स विभाग, पीबीएस कॉलेज बांका- महेश चन्द्र झा, राजनीतिशास्त्र विभाग, एसकेआर कॉलेज बरबीघा- डॉ. एसपी सिंह, राजनीतिशास्त्र विभाग, जमालपुर कॉलेज जमालपुर- डॉ. अमित रंजन दास, गणित विभाग।
क्या था मामला
पटना हाईकोर्ट ने चार अप्रैल को तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के 16 प्राचार्यो की नियुक्ति को अवैध ठहराया। एकल पीठ ने इनकी नियुक्ति को आठ सितंबर 2011 को गलत बताया था। इसे अपीलीय न्यायालय में चुनौती दी गई थी। तब न्यायालय ने अंतिम फैसला तक इन प्राचार्यो को पद पर बने रहने का आदेश दिया था। गुरुवार को न्यायालय ने अपने इस आदेश को वापस ले लिया।
2008 में हुई थी बहाली
29 सितंबर 2008 को तत्कालीन कुलपति प्रेमा झा के कार्यकाल में इन प्राचार्यो की नियुक्ति की गई थी। इस नियुक्ति को वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के वरीय प्राध्यापक नवीन कुमार ने चुनौती दी थी। मुख्य न्यायाधीश रेखा एम दोषित व न्यायाधीश अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अपीलीय खंडपीठ ने मामले पर विस्तार से सुनवाई करने के बाद तीन जुलाई 2012 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। करीब पांच वर्षो से इन प्राचार्यों की नियुक्ति का मामला अधर में था। सूचना है कि ये सभी अब सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं।
इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। वहीं उन सभी कॉलेजों में वरीय शिक्षकों को प्रभारी प्राचार्य बनाया गया है।
इन कालेजों में की गयी नयी नियुक्ति के तहत एमएएम कॉलेज नवगछिया में डॉ. मनीषा लहेरी को, जीबी कॉलेज नवगछिया में डॉ. जयप्रकाश सिंह, जोलॉजी विभाग को तथा जेपी कॉलेज नारायणपुर में जीतेन्द्र प्रसाद सिंह, रसासन विभाग को प्रभारी प्राचार्य बनाया गया है |
इनके अलावा ये भी बनाए गए हैं प्रभारी प्राचार्य --
मुरारका कॉलेज- डॉ. एसएन झा, राजनीति विज्ञान विभाग, एचएस कॉलेज - अखिलेश्वर सिंह, कोशी कॉलेज खगड़िया-डॉ. एसएल तुलसीयान, आरडी कॉलेज शेखपुरा- डॉ. सुधीर सिंह, फिजिक्स विभाग, केएसएस कॉलेज लखीसराय-रामावतार सिंह, फिजिक्स विभाग, जेआरएस कॉलेज जमालपुर डॉ. देवराज सुमन, जेएमएस कॉलेज मुंगेर- डॉ. राजकिशोर प्रसाद सिन्हा, कामर्स विभाग, पीबीएस कॉलेज बांका- महेश चन्द्र झा, राजनीतिशास्त्र विभाग, एसकेआर कॉलेज बरबीघा- डॉ. एसपी सिंह, राजनीतिशास्त्र विभाग, जमालपुर कॉलेज जमालपुर- डॉ. अमित रंजन दास, गणित विभाग।
क्या था मामला
पटना हाईकोर्ट ने चार अप्रैल को तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के 16 प्राचार्यो की नियुक्ति को अवैध ठहराया। एकल पीठ ने इनकी नियुक्ति को आठ सितंबर 2011 को गलत बताया था। इसे अपीलीय न्यायालय में चुनौती दी गई थी। तब न्यायालय ने अंतिम फैसला तक इन प्राचार्यो को पद पर बने रहने का आदेश दिया था। गुरुवार को न्यायालय ने अपने इस आदेश को वापस ले लिया।
2008 में हुई थी बहाली
29 सितंबर 2008 को तत्कालीन कुलपति प्रेमा झा के कार्यकाल में इन प्राचार्यो की नियुक्ति की गई थी। इस नियुक्ति को वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के वरीय प्राध्यापक नवीन कुमार ने चुनौती दी थी। मुख्य न्यायाधीश रेखा एम दोषित व न्यायाधीश अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अपीलीय खंडपीठ ने मामले पर विस्तार से सुनवाई करने के बाद तीन जुलाई 2012 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। करीब पांच वर्षो से इन प्राचार्यों की नियुक्ति का मामला अधर में था। सूचना है कि ये सभी अब सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं।