भागलपुर जिला अंतर्गत नवगछिया अनुमंडल के गोपालपुर प्रखंड स्थित तिनटंगा करारी गांव
के बुनियादी विद्यालय प्रांगण में महर्षि मेंहीदास के भागलपुर जिला संतमत - सत्संग का दो दिवसीय 64 वां जिला वार्षिक
अधिवेशन रविवार को सम्पन्न हुआ | जिसके दूसरे व अंतिम दिन भागलपुर मेंहीदास आश्रम के वर्तमान आचार्य संत
हरिनंदन जी महाराज ने
कहा कि सत्संग से चिंतन-मनन को नई दिशाएं मिलती हैं। इस नाशवान शरीर पर अभिमान नहीं करना चाहिए। जीवन में सफल होने के लिए अपने कर्म को ईमानदारी से करें। फलों की चिंता नहीं करें।
श्री महाराज ने कहा की यह शरीर पंच तत्वों से बनी है और पंच तत्व में फिर मिल जाएगी। इस शरीर से जितने निकट तक हम ईश्र्वर के पास पहुंच जाएंगे , उतनी ही भलाई होगी । गरीबों, नि:साहयों की मदद करें। दूसरे के दुखों को अपना दुख समझे। इससे पहले पंजाब व हरिद्वार से पधारे गुरूशरण जी महाराज, घनश्याम जी महाराज,रघुनंद बाबा, धीरेंद्र बाबा, कमलानंद बाबा, प्रमोद जी महाराज एवं भागीरथ जी महाराज का प्रवचन हुआ। सभी संतों ने अमृत वचनों के माध्यम से लोगों को सत्संग करने का संदेश दिया। इस दौरान विशाल भंडारे से प्रसाद और स्वामी महर्षी मेंहीदास के शांति संदेशों से ओतप्रोत पुस्तक का वितरण किया जा रहा था। इस मौके पर कई विशिष्ठ अतिथि मौजूद थे। सरपंच शंभू यादव एवं अमोल यादव कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग कर रहे थे।
कहा कि सत्संग से चिंतन-मनन को नई दिशाएं मिलती हैं। इस नाशवान शरीर पर अभिमान नहीं करना चाहिए। जीवन में सफल होने के लिए अपने कर्म को ईमानदारी से करें। फलों की चिंता नहीं करें।
श्री महाराज ने कहा की यह शरीर पंच तत्वों से बनी है और पंच तत्व में फिर मिल जाएगी। इस शरीर से जितने निकट तक हम ईश्र्वर के पास पहुंच जाएंगे , उतनी ही भलाई होगी । गरीबों, नि:साहयों की मदद करें। दूसरे के दुखों को अपना दुख समझे। इससे पहले पंजाब व हरिद्वार से पधारे गुरूशरण जी महाराज, घनश्याम जी महाराज,रघुनंद बाबा, धीरेंद्र बाबा, कमलानंद बाबा, प्रमोद जी महाराज एवं भागीरथ जी महाराज का प्रवचन हुआ। सभी संतों ने अमृत वचनों के माध्यम से लोगों को सत्संग करने का संदेश दिया। इस दौरान विशाल भंडारे से प्रसाद और स्वामी महर्षी मेंहीदास के शांति संदेशों से ओतप्रोत पुस्तक का वितरण किया जा रहा था। इस मौके पर कई विशिष्ठ अतिथि मौजूद थे। सरपंच शंभू यादव एवं अमोल यादव कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग कर रहे थे।