उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ सपा ने पेराई
सत्र के दो महीने गुजरने के बावजूद ज्यादातर चीनी मिलें बंद होने के विपक्ष
के आरोपों को झूठ करार दिया है.
समजवादी पार्टी (सपा) ने मंगलवार को दावा किया कि राज्य की 125 में से 100 मिलों में पेराई कार्य शुरू हो चुका है.
सपा के प्रान्तीय प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने लखनऊ में एक बयान में विपक्ष पर व्यंग्य कसते हुए कहा कि जिन दलों का कभी खेत-खलिहान
और गांव-गरीब से नाता नहीं रहा उन्हें अब किसानों की चिंता सताने लगी है. वे सरकार पर चीनी मिलें नहीं चलाने का आरोप लगा रहे हैं जबकि सचाई इसके उलट है.
उन्होंने दावा किया कि राज्य की कुल 125 में से 100 चीनी मिलों में पेराई कार्य शुरू कर दिया गया है. बाकी मिलें भी जल्द ही काम करना प्रारम्भ कर देंगी. चीनी मिलों में चालू सत्र में अब तक 319 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई तथा 26 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन भी हो चुका है.
चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव गन्ना किसानों को उचित तथा लाभप्रद समर्थन मूल्य देने के लिये प्रतिबद्ध हैं और वह जल्द ही किसानों के हित में न्यायसंगत फैसला लेंगे.
गौरतलब है कि राज्य की सपा सरकार अक्तूबर में पेराई सत्र शुरू होने के बावजूद गन्ना समर्थन मूल्य अब तक घोषित नहीं किये जाने और चीनी मिलों को कथित रूप से नहीं चलाये जाने को लेकर विपक्ष के निशाने पर है.
समजवादी पार्टी (सपा) ने मंगलवार को दावा किया कि राज्य की 125 में से 100 मिलों में पेराई कार्य शुरू हो चुका है.
सपा के प्रान्तीय प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने लखनऊ में एक बयान में विपक्ष पर व्यंग्य कसते हुए कहा कि जिन दलों का कभी खेत-खलिहान
और गांव-गरीब से नाता नहीं रहा उन्हें अब किसानों की चिंता सताने लगी है. वे सरकार पर चीनी मिलें नहीं चलाने का आरोप लगा रहे हैं जबकि सचाई इसके उलट है.
उन्होंने दावा किया कि राज्य की कुल 125 में से 100 चीनी मिलों में पेराई कार्य शुरू कर दिया गया है. बाकी मिलें भी जल्द ही काम करना प्रारम्भ कर देंगी. चीनी मिलों में चालू सत्र में अब तक 319 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई तथा 26 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन भी हो चुका है.
चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव गन्ना किसानों को उचित तथा लाभप्रद समर्थन मूल्य देने के लिये प्रतिबद्ध हैं और वह जल्द ही किसानों के हित में न्यायसंगत फैसला लेंगे.
गौरतलब है कि राज्य की सपा सरकार अक्तूबर में पेराई सत्र शुरू होने के बावजूद गन्ना समर्थन मूल्य अब तक घोषित नहीं किये जाने और चीनी मिलों को कथित रूप से नहीं चलाये जाने को लेकर विपक्ष के निशाने पर है.