
गिरफ्तार चंदन के बयान के अनुसार बिहपुर थाना क्षेत्र के हरियो निवासी उसके साले जितेंद्र सिंह ने नोएडा में स्वर्ण व्यवसायी के पुत्र बबलू सिंह से दोस्ती गांठ ली। बबलू कुमार की दुकान जिस मकान में थी उसी मकान में जितेंद्र सिंह बतौर किराएदार रहता था। 23 अगस्त को बबलू को लेकर जितेन्द्र सिंह के साथ घर से घूमने निकला था और बबलू ने यह बात घर में बता दी थी।
बबलू को जितेन्द्र सिंह बहला-फुसलाकर अपने साथ विक्रमशिला एक्सप्रेस से भागलपुर ले आया। फिर भागलपुर में जितेंद्र ने अपने बहनोई चन्दन कुमार व एक अन्य अज्ञात व्यक्ति को भागलपुर बुलाया। यहां से सभी लोग कालूचक आ गए जहां बबलू का अपहरण कर लिया गया। कालूचक से ही बबलू के मोबाइल फोन से 40 लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई। रंगदारी नहीं देने पर 26 अगस्त को बबलू सिंह को शराब पिलाई गई। फिर बबलू की हत्या कर शव को नदी में फेंक दिया गया। पुलिस ने दिल्ली में जितेंद्र के दिए पते पर बिहपुर के हरियो गांव में छापेमारी की तो पता चला कि जितेंद्र की दो बहन है। उसकी एक बहन पकरा में है जबकि दूसरी बहन कालूचक उर्फ कालिंगदीनगर गांव में है। गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि गांव में चंदन एवं जितेंद्र के साथ एक अपरिचित युवक को साथ देखा गया था।
गोपालपुर के प्रभारी थानाध्यक्ष बालचंद्र राम एवं अवर निरीक्षक प्रमोद कुमार वर्मा के सहयोग से पुलिस ने चंदन को गिरफ्तार कर लिया। इससे पूर्व 25 अगस्त को स्वर्ण व्यवसायी नरक चंद्र ने नोएडा के गौतम बुद्ध नगर अंतर्गत साहिबाबाद दादरी थाने में बेटे के अपहरण की प्राथमिकी दर्ज करवा दी थी। इसके बाद 29 अगस्त को नोएडा पुलिस ने गोपालपुर पहुंच स्थानीय पुलिस के सहयोग से हरियो और कालूचक गांव में छापेमारी शुरू की। पिछले तीन दिनों से छापेमारी जारी थी, जिस दौरान चंदन को गिरफ्तार किया गया।
दूसरी ओर जितेंद्र समाचार लिखे जाने तक बबलू के मोबाइल से फोन कर रंगदारी की मांग कर रहा था। नोएडा पुलिस चंदन को अपने साथ ले गई है। नवगछिया एसपी आनंद कुमार सिंह ने गोपालपुर एवं बिहपुर पुलिस को नोएडा पुलिस को पूरा सहयोग देने का निर्देश दिया था। जितेंद्र सिंह की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।