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अब तेजी से चढ़ने लगा है चुनावी तापमान

जेठ की तपिश के साथ साथ अब नगर पंचायत चुनाव का तापमान भी तेजी से चढ़ने लगा है। चुनाव प्रचार से लेकर जनसंपर्क तक में आधी आबादी भी अपनी पूर्ण भागीदारी निभा रही है। नारी सशक्तिकरण का अनूठा उदाहरण चुनाव प्रचार के दरम्यान दिखाई दे रहा है। पिछले चुनाव तक में मर्दो के सहारे चुनाव प्रचार करने वाली महिलायें अबकी खुद की बदौलत भी घूमते देखी जा रही है। टोली बनाकर महिलायें अपने मतददाताओं से संपर्क साध रही है। जो दोबारा चुनाव मैदान में है वो एक मौका और देने की गुहार लगा रही है तो पहली बार भाग्य आजमा रही प्रत्याशी वार्ड का कायाकल्प कर देने का वादा कर रही है।
नवगछिया नगर पंचायत क्षेत्र के 19 वार्ड के लिये कुल 89 उम्मीदवार हैं जिनमें से 47 महिलायें ही हैं। ऐसा नहीं कि जो वार्ड महिलाओं के लिये आरक्षित है उसी वार्ड से महिलाएं अपना भाग्य आजमा रही है बल्कि जिन वार्ड को महिलाओं के लिये स्थान आरक्षित नहीं रखा गया है वहां से भी महिलाओं ने अपनी दावेदारी दी है।
वार्ड नंबर एक से दो, दो से सात , तीन से दो, छह से आठ, सात से चार, आठ से दो, नौ से तीन , 10 से चार , 14 से चार , 15 से एक , 16 से तीन , 18से तीन , 20 से एक , 21 से तीन, महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। इनका चुनाव प्रचार निराले अंदाज में हो रहा है। पहली प्राथमिकता के तौर पर तो ये सीधे घर में प्रवेश कर जाती है और महिला मतदाता को अपनी बात समझाती है जबकि मर्द उम्मीदवारों को यह फायदा नहीं मिल पाता। घर के मुखिया अथवा पुरुष मतदाता को घर पर ही पकड़ने के लिये मतदाता के रूटीन के हिसाब से संपर्क साधना पड़ रहा है। नतीजा है कि उन्हें कई बार जाने के बाद मतदाता से मुलाकात हो पाती है । वहीं इतने में महिला प्रत्याशी कई दफे संपर्क साध लेती है। हालांकि अब महिला मतदाता भी आसानी से निर्णय लेने की स्थिति में नहीं है। चूकि कोई एक ही प्रत्याशी तो महिला है नहीं कि उसे उसका फायदा मिल जाये। इसलिये कहीं शिक्षित होने का फायदा प्रत्याशी को मिल रहा है तो कहीं जरूरत से ज्यादा व्यवहारिक होने का। कहीं उनकी सामाजिक छवि काम कर रही है तो कहीं जाति प्रभावी हो जा रही है।