राजेश कानोडिया, नवगछिया | अब वो दिन दूर नहीं जब किसान धान से धनवान बनेंगे। बिहार सरकार द्वारा वैज्ञानिकों तथा कृषि सलाहकारों के माध्यम से बतायी जा रही श्रीविधि से धान की खेती काफी कम पानी में इस विधि से धान की अच्छी उपज किसानों की कोठी भर रही है। कहां हुआ प्रयोग श्री विधि से धान की खेती प्रायोगिक तौर पर नवगछिया प्रखंड के यमुनियां पंचायत अन्तर्गत महदत्तपुर गांव के पवना बहियार में चंद किसानों से कराई गई। जहां खाली पड़ी रहने वाली जमीन पर किसान अनीता देवी, मो। इरफान, चन्द्रशेखर सिंह व इंदू देवी ने इसकी खेती की। इसकी उपज देख ये किसान काफी खुश नजर आ रहे थे।
प्रायोगिक तौर पर धान की खेती कर रहे किसान मो इरफ़ान, चंद्रशेखर सिंह इत्यादि बताते है कि इस खेती की लागत की वसूली तो इसके लरवा यानि पुआल से ही हो जाती है। जो पशुचारा के रुप में बिक जाती है। फायदे में बचता है पूरा धान। जो लगभग 30 क्विंटल प्रति एकड़ की दर पर पैदा होता है। जिसकी कीमत लगभग 25 हजार होती है।यानी इस खेती में आम के आम, गुठली के दाम मिलते हैं |
प्रायोगिक तौर पर धान की खेती कर रहे किसान मो इरफ़ान, चंद्रशेखर सिंह इत्यादि बताते है कि इस खेती की लागत की वसूली तो इसके लरवा यानि पुआल से ही हो जाती है। जो पशुचारा के रुप में बिक जाती है। फायदे में बचता है पूरा धान। जो लगभग 30 क्विंटल प्रति एकड़ की दर पर पैदा होता है। जिसकी कीमत लगभग 25 हजार होती है।यानी इस खेती में आम के आम, गुठली के दाम मिलते हैं |