BHAGALPUR: स्वतंत्रता संग्राम में तिलकामांझी का रहा है अतुलनीय योगदान - कुलपति
शोषण और अत्याचार के विरुद्ध तिलकामांझी ने किया था संघर्ष
नव-बिहार समाचार, भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में महान स्वतंत्रता सेनानी तिलकामांझी की जयंती समारोह पूर्वक मनायी गयी । रविवार को आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने कहा की तिलकामांझी का योगदान देश की आजादी के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान काफी महत्वपूर्ण और अतुलनीय रहा। तिलकामांझी के व्यक्तित्व और कृतित्व से हमें आज सीख लेने की जरूरत है। उनके आदर्शों पर चलकर ही हम एक आदर्श और प्रगतिशील समाज का निर्माण कर सकते हैं। तिलकामांझी के बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है। तिलकामांझी ने शोषण और अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष किया।
तिलकामांझी को भारत रत्न देने की मांग को उन्होंने सराहा और कहा कि यह प्रयास निश्चित तौर पर होना चाहिए। तिलकामांझी की वीर गाथा हमारे समाज और देश के लिए अनुकरणीय है। उन्होंने कहा की तिलकामांझी के नाम पर इस विश्वविद्यालय का नाम होना अपने आप में बहुत बड़ी बात है।
इसके पहले कुलपति ने विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन स्थित अमर शहीद तिलकामांझी की प्रतिमा पर माल्यार्पण और पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया।
इस मौके पर पूर्व प्रभारी कुलपति डा क्षेंमेंद्र कुमार, डीएसडब्ल्यू प्रो. बिजेंद्र कुमार, टीएनबी कॉलेज के भूतपूर्व प्रधानाचार्य डा आरपीसी वर्मा, डा विलक्षण रविदास आदि मंचासिन थे। मौके पर विश्वविद्यालय के अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित रहे।