विश्व संस्कृत दिवस पर ज्ञान वाटिका आवासीय विद्यालय में हुआ विराट संगोष्ठि का आयोजन
नव-बिहार समाचार, नवगछिया। विश्व संस्कृत दिवस के अवसर पर गुरुवार को श्री शिवशक्ति योगपीठ के पीठाधीश्वर परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज के सान्निध्य में ज्ञान वाटिका आवासीय विद्यालय सिंघिया मकन्दपुर (नवगछिया) में विराट संगोष्ठि का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन परमहंस संत स्वामी आगमानंद जी महाराज, कविवर राज कुमार, बौंसी गुरुधाम के प्राचार्य डा विश्वम्भर मिश्र 'वागीश', प्राध्यापक पंडित शंभूनाथ मिश्र, डा. गंगाधर मिश्र एवं टी.एन.बी कालेज के रसायन विभाग के पूर्व अध्यक्ष डा ज्योतिन्द्र प्रसाद चौधरी, मानस मर्मज्ञ आचार्य प्रेम शंकर भारती, हिमांशु मोहन मिश्र दीपक, ज्ञान वाटिका विद्यालय के अध्यक्ष हेम नारायण झा, प्राचार्य सह प्रबंधक राजेश कुमार झा, वामकोलाचार्य कुंदन बाबा ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्वलन कर किया। इसके बाद ज्ञान वाटिका विद्यालय की छात्राओं ने संस्कृत में स्वागत गीत प्रस्तुत कर अतिथियों का सत्कार किया।इस अवसर पर परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज द्वारा रचित श्री दुर्गा सप्तशती पुस्तक का विमोचन भी किया गया। इस संगोष्ठी सभा को संबोधित करते हुए स्वामी आगमानंद जी महाराज ने संस्कृत की महत्ता को सहज और सरल ढंग से बताते हुए कहा कि विश्व का हित संस्कृत में निहित है। संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है। संस्कृत का संबंध हमारी सभ्यता और संस्कृति से है। साथ ही श्रावणी पूर्णिमा, भगवान हयग्रीव अवतार, महर्षि याज्ञवल्क्य जयंती, तुलसी जयंती पखवारा व अन्यान्य विषयों पर विस्तार से चर्चा की। डा वागीश जी का पूरा संबोधन संस्कृत भाषा में था। उन्होंने सबों से प्रतिदिन संस्कृत भाषा में कुछ न कुछ संवाद करने हेतु प्रेरित किया। डा गंगाधर मिश्र ने कहा कि आदि काल से ही गुरुकुलों में विद्या आरंभ का विधान रहा है। डा चौधरी ने बताया कि कंप्यूटर की भाषा का मूल संस्कृत भाषा से जुड़ा है। संस्कृत भाषा पूर्णतया विज्ञान सम्मत है। कविवर राज कुमार जी ने कविता के माध्यम से संस्कृत भाषा की मधुरता का रसपान कराया।