टीएमबीयू के पीजी जूलॉजी विभाग में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का हुआ उदघाटन
क्वालिटी रिसर्च को अपनाएं छात्र - प्रो. फारूक अली
अमेरिका से ऑनलाइन मोड में सेमिनार से जुड़ी टीएमबीयू की पूर्व कुलपति डॉ नीलिमा गुप्ता, साइंटिफिक रिसर्च को अपनाने पर दिया बल
भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के पीजी जूलॉजी विभाग में शुक्रवार को रिसर्च मेथोडोलॉजी के विभिन्न पहलू विषय पर यूजीसी प्रायोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन जेएस दत्ता मुंशी सभागार में किया गया।
राष्ट्रीय सेमिनार का उदघाटन जेपी विश्वविद्यालय छपरा के कुलपति प्रो. फरुक अली, बीएनएमयू मधेपुरा के पूर्व कुलपति प्रो. एके राय, टीएमबीयू के पूर्व प्रभारी कुलपति प्रो. क्षमेंद्र कुमार सिंह आदि ने दीप प्रज्वलित कर किया।
विभाग की छात्राओं ने कुलगीत की प्रस्तुति दी। अतिथियों के सम्मान में छात्राओं ने स्वागत गान भी पेश की।
सेमिनार में ऑनलाइन मोड में अमेरिका से डॉ हरिसिंह गौर सेंट्रल यूनिवर्सिटी सागर की कुलपति व टीएमबीयू की पूर्व कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता भी जुड़ी थी। उन्होंने अपने संबोधन में रिसर्च मेथोडोलॉजी की बेसिक और सारगर्भित जानकारी प्रतिभागियों को दी। उन्होंने साइंटिफिक रिसर्च को अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि शोध गुणवत्तापूर्ण होना चाहिए। प्रो. नीलिमा गुप्ता ने रिसर्च मेथोडोलॉजी की बारीकियों से अवगत कराते हुए कहा कि आज वैल्यू एडेड शोध को बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने शोध के विभिन्न प्रकारों, डेटा संग्रहण, कथन समस्या, उपकल्पना, लिटरेचर रिव्यू, शोध की समस्याएं, शोध का महत्व आदि तथ्यों पर प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने नेशनल एडुकेशन पॉलिसी (एनईपी)-2020 के बारे में भी चर्चा की। वहीं देश के जीडीपी में उच्च शिक्षा के योगदान पर भी अपनी बातें रखी। प्रो. गुप्ता ने यंग रिसर्च स्कॉलर से नए और सामयिक टॉपिक पर शोध करने को कहा। गुणवत्तापूर्ण रिसर्च पेपर के प्रकाशन पर भी बल दिया।
जय प्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के कुलपति प्रो. फारूक अली ने कहा कि छात्रों को ग्रासरूट पर शोध करना चाहिए। शोधार्थी असफलता से कभी नहीं घबराएं। बल्कि ईमानदार प्रयास से सफलता हासिल की जा सकती है। उन्होंने पीपीटी प्रस्तुत करते हुए कहा कि शोधकर्ताओं को क्वालिटी रिसर्च पर ध्यान देना चाहिए। रिसर्च स्कॉलर भविष्य में एक जिम्मेवार शिक्षक बनें। राष्ट्र और समाज की सेवा समर्पित भाव से करें। व्यवस्थित और तथ्यपरक शोध होने चाहिए। उन्होंने कहा कि ज्ञान ही शक्ति है। इसलिए ज्ञान का विस्तार निरंतर होते रहना चाहिए। डॉ फारूक अली ने कहा कि अपने संस्थान के प्रति वफादार बने रहना चाहिए और खुद को उस संस्थान का ऑनर समझें। तभी आप उस संस्थान के प्रति जिम्मेवार हो सकते हैं। डॉ अली ने रिसर्च टॉपिक के चयन में शोधकर्ताओं को सावधानी बरतने को कहा। उन्होंने कहा कि शोध का टॉपिक आइडिया,अनुभव, अध्ययन और वास्तविकता पर आधारित होना चाहिए। रिसर्च का लक्ष्य और उद्देश्य स्पष्ट होना चाहिए। प्लान और रणनीति के साथ शोध कार्य को शुरू करें। मौके पर उन्होंने विभाग के प्रख्यात शिक्षक जेएस दत्ता मुंशी के योगदान को याद किया। डॉ फारूक अली ने विभाग में एक कॉन्फ्रेंस हॉल बनाए जाने को लेकर एलुमनी से पहल करने की अपील की। उन्होंने जूलॉजी विभाग की राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मिली ख्याति और अपने छात्र जीवन को याद किया।
बीएनएमयू मधेपुरा और टीएमबीयू के पूर्व कुलपति प्रो. अवध किशोर राय ने कहा कि शोधार्थी को सबसे पहले लाइब्रेरी जाकर लिट्रेचर खोजना चाहिए। जिस टॉपिक की कल्पना छात्र ने की है उसकी पड़ताल जरूरी है और यह काम लिटरेचर ढूंढने से ही होगा। शोध कार्य स्थानीय व क्षेत्रीय समस्याओं पर आधारित हो। अपने स्किल को विकसित करें। Hप्रो. एके राय ने कहा कि शिक्षक और शोधार्थियों को हमेशा यूजीसी केयर लिस्ट में शामिल जर्नल में ही अपना पेपर प्रकाशित करवाना चाहिए। तभी उन्हें कैरियर में लाभ मिलेगा। शोध के लिए हाइपोथिसिस जरूर बनाएं।
टीएमबीयू के पूर्व प्रभारी कुलपति प्रो. क्षमेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि रिसर्च करने वाले छात्र अपने टॉपिक और गाइड का चयन बहुत सोच-समझकर करें। रिसर्च कार्य पूरी ईमानदारी से करें तभी समाज का भला होगा। उन्होंने शोध की बेसिक जानकारी से प्रतिभागियों को अवगत कराया। टीएमबीयू के डीएसडब्ल्यू प्रो. रामप्रवेश सिंह ने कहा कि वैज्ञानिक अनुसंधान में मेथड्स का बहुत महत्व है। शोध का कार्य विभिन्न चरणों से होकर गुजरता है तभी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है। रिव्यू ऑफ लिटरेचर जरूर पढ़ें।
टीएमबीयू के रजिस्ट्रार डॉ निरंजन प्रसाद यादव ने कहा कि समाज के लिए उपयोगी और ज्वलन्त विषय पर ही रिसर्च करें। ताकि उस रिसर्च से समाज का भला हो सके। उदघाटन सत्र में अतिथियों का स्वागत पीजी जूलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अशोक कुमार ठाकुर ने किया। सेमिनार में विषय प्रवेश आयोजन सचिव असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ नवोदिता प्रियदर्शिनी ने की। धन्यवाद ज्ञापन प्रो. इकबाल अहमद ने किया।
सेमिनार के उदघाटन के मौके पर प्रो. एसपी राय, प्रो. तपन कुमार घोष, सीसीडीसी डॉ केएम सिंह, प्रॉक्टर प्रो. रतन कुमार मंडल, परीक्षा नियंत्रक डॉ अरुण कुमार सिंह, पीआरओ डॉ दीपक कुमार दिनकर, पीजी होम साइंस की हेड डॉ ममता कुमारी, मारवाड़ी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ केसी झा, एमएएम कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ सुदामा यादव, जेपी कॉलेज नारायणपुर के प्रिंसिपल डॉ राजवंश यादव, रांची यूनिवर्सिटी की प्रो. वंदना सहित विभाग के शिक्षक, कर्मी और बड़ी संख्या में सिरच स्कॉलर और छात्र-छात्राएं मौजूद थे। मौके पर स्मारिका का भी लोकार्पण किया गया।
टेक्निकल सेशन में कई प्रतिभागियों ने दिया प्रेजेंटेशन
सेमिनार के पहले दिन उदघाटन सत्र के बाद टेक्निकल सेशन आयोजित हुआ। तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रो. एसपी राय ने की। जबकि रैपोर्टियर टीएमबीयू के पीआरओ डॉ दीपक कुमार दिनकर थे।
तकनीकी सत्र में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो. संदीप मल्होत्रा, जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के डॉ गोपाल शर्मा, डॉ आमोद कुमार सहित कई प्रतिभागियों ने अपना पेपर प्रस्तुत किया। मौके पर ओपन सेशन में प्रतिभगियों ने सवाल-जवाब भी किये।
प्रोग्राम कॉर्डिनेटर अतुल समीरन, पीजी मनोविज्ञान विभाग की गेस्ट शिक्षिका डॉ सपना सिंह, डेविड यादव, नितेश आदि के अलावे कई शोधार्थी और छात्रों ने कार्यक्रम में सहयोग किया। सेमिनार के मंच का संचालन रिसर्च स्कॉलर वर्षा कर रही थी। जहां आयोजन सचिव डॉ नवोदिता प्रियदर्शिनी ने आगत अतिथियों को विभाग की ओर से बुके और अंग वस्त्र भेंट कर स्वागत किया। सेमिनार के दूसरे दिन शनिवार को तकनीकी सत्रों का आयोजन होगा। प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।