मानव सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है- स्वामी आगमानंद
नवगछिया (आससे)। महाशिवरात्रि के मौके पर स्थानीय शिवशक्ति योगपीठ आश्रम में पीठाधीश्वर स्वामी आगमानंद महाराज के सानिध्य में आश्रम का वार्षिकोत्सव मनाया गया। इस दौरान वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना भी की गई। इसके बाद दुर्गा सप्तशती पाठ, आरती, भजन और गुरु दीक्षा कार्यक्रम हुआ। वही कार्यक्रम का उद्घाटन स्वामी सुरेंद्र आनंद जी महाराज, मानस कोकिला कृष्णा दीदी, तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉक्टर आशा ओझा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। जहां मौके पर प्रोफेसर डॉक्टर ज्योतिन्द्र चौधरी और मथुरा नाथ दुबे इत्यादि कई प्रमुख लोग मौजूद थे।
वहीं प्रवचन महाराज ने कहा कि कलयुग में सुमिरन के दौरान स्वामी आगमानंद ने कहा कि कलयुग में प्रभु के सुमिरन करने से ही मानव का कल्याण होगा। मानव को जब भी समय मिले भगवान का सुमिरन अवश्य करना चाहिए। इसी नाम के सुमिरन या जाप से मनुष्य भवसागर से पार हो सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जरूरतमंदों की सेवा के लिए हम सभी को तत्पर रहना चाहिए क्योंकि मानव सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है। इस दौरान भजन कलाकारों ने भी एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुति की। जिसे सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। इस मौके पर दूर-दराज से हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।