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नियोजित शिक्षकों का वेतन चपरासी से भी कम?, भड़के हाई कोर्ट के जज

नव-बिहार समाचार, पटना : राज्य के नियोजित शिक्षकों के मामले में आज शुक्रवार को पटना हाई कोर्ट में शुरू हुई सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के जजों ने नियोजित शिक्षकों के प्रति बिहार सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई. इस दौरान इन शिक्षकों का वेतनमान सुनकर जज भड़क भी गए.

बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ बनाम बिहार सरकार के इस मामले में आज सुनवाई शुरू होने पर नियोजित शिक्षकों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद सिंह ने कोर्ट को बताया कि राज्य के नियोजित शिक्षकों को उनके ही विद्यालय में नियुक्त क्लर्क/चपरासी से भी कम वेतन मिलता है. यह जान कर पटना हाई कोर्ट के जज सरकारी वकील पर भड़क उठे. सिंह ने न्यायालय को बताया कि एक ही भौगोलिक स्थिति एवं समान योग्यता तथा समान काम करने वाले नये नियोजित शिक्षकों को आदेशपाल से भी कम वेतन सरकार द्वारा दिया जा रहा है.

जजों की बेंच ने इसके बाद राजेंद्र प्रसाद सिंह से पूछा कि नये शिक्षक सरकार के निर्देश पर परीक्षा में भाग लेते हैं, चुनाव कराते हैं, प्रभार का काम करते हैं कि नहीं. राजेंद्र सिंह ने कोर्ट को बताया कि सभी कार्य का संचालन दक्षतापूर्वक करते हैं. मामले में सरकार की ओर से पेश वकील ने एक बार फिर जवाब देने के लिए चार हफ़्तों के समय की मांग की. इस पर कोर्ट ने उन्हें अब और वक़्त देने से इंकार करते हुए सोमवार को हर हालत में अपना पक्ष रखने का आदेश दिया.

नियोजित शिक्षकों की ओर से पेश अधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि केस नंबर 17176/2009 का ये मामला बहुत पुराना है, लेकिन इसमें सुनवाई अब जाकर शुरू हुई है. मामले में सुनवाई का आधार समान काम-समान वेतन का विचार है. हाई कोर्ट ने इस मामले में सरकारी वकील को आगामी सोमवार को सभी स्तर के शिक्षक एवं आदेश पाल का वेतन सारणी पेश करने और हर हाल में सरकार को अपना पक्ष रखने का आदेश दिया है.