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भाई ने भाई को, दादा ने पोते को और मामा ने भांजे को दी मुखाग्नि

नव-बिहार न्यूज नेटवर्क (NNN), नारायणपुर/ नवगछिया। भागलपुर जिले के नवगछिया अनुमंडल अंतर्गत बिहपुर प्रखंड के नन्हकार गंगाघाट पर सोमवार को उस समय अभूतपूर्व हृदय विदारक दृश्य
उपस्थित हो गया जब कोरचक्का गांव के एक साथ नौ बच्चों की चिताएं जलीं। इससे पूर्व कोरचक्का गांव से जैसे ही नौ बच्चों की शवयात्र निकली पूरा गांव चीत्कार उठा। हादसे में अपने बेटों को खो चुकीं माताएं रोती रहीं। बोलीं, हे भगवान हमें किस जुर्म की सजा मिली, हमसे हमारे बच्चों को क्यों छीन लिए। जान ही लेनी थी तो हमारी जान ले लेते। रोती-बिलखती कई माताओं की हालत तो इतनी बिगड़ गई कि बिहपुर पीएचसी से मेडिकल टीम बुलानी पड़ी। सभी महिलाओं का प्राथमिक उपचार किया गया और दवाइयां दी गईं। गांव से निकली नौ बच्चों की अंतिम यात्रा में नम भरी आंखों के साथ सैकड़ों लोग शामिल हुए।
किसने किसको दी मुखाग्नि: आंसुओं के सैलाब के बीच गंगाघाट पर जहां भीखन साह के पुत्र सौरव साह की चिता को उसके छोटे भाई कृष्ण कुमार ने मुखाग्नि दी। वहीं शिवनंदन यादव के पुत्र निरंजन यादव को उसके छोटे भाई राजकुमार यादव ने मुखाग्नि दी। विवेकानंद सिंह के दोनों पुत्र छोटू व बिट्टू की चिताओं को उसके भाई सन्नी ने मुखाग्नि दी। जबकि बबलू सिंह के पुत्र राहुल को उसके साठ वर्षीय दादा विंदेश्वरी कहार व अंकेश की चिता को उसके 85 वर्षीय दादा वकील कहार ने मुखाग्नि दी। इसी दौरान विशाल की चिता को 65 वर्षीय उसके मामा दिलीप सिंह और सौरव की चिता को उसके चचेरे भाई धर्मवीर ने मुखाग्नि दी। गंगाघाट पर एसडीओ के निर्देश पर मजिस्ट्रेट के रूप में बीसीओ यशवंतनारायण सिंह की तैनाती थी।