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बिहार सरकार का बड़ा फैसला : हंड्रेड परसेंट फेल वाले स्कूलों के सभी टीचर होंगे डिसमिस

पटना : इंटरमीडिएट टॉपर्स गणेश के फर्जीवाड़े मामले ने शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है. सिस्टम में कितनी खामियां हैं, उसे उजागर कर दिया है. एडमिशन से लेकर परीक्षा, कॉपी मूल्यांकन व रिजलट तक में लोचा ही लोचा है.

बता दें कि सूबे में इंटरमीडिएट में 65 से 70 परसेंट तक बच्चे फेल कर गये हैं. सैकड़ों स्कूल-कॉलेज ऐसे हैं, जहां से कोई स्टूडेंट पास नहीं किया है. इसे बिहार सरकर ने गंभीरता से लिया है. इसके संकेत सूबे के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने मीडिया को दी है. उन्होंने स्पष्ट कहा है कि जिन स्कूलों के स्टूडेंट्स इंटरमीडिएट परीक्षा में हंड्रेड परसेंट फेल रहे होंगे, वहां के टीचर बख्शे नहीं जाएंगे. वहां के सभी शिक्षक बर्खास्त किये जाएंगे. किसी भी टीचर को छोड़ा नहीं जायेगा और न ही कार्रवाई के लिए कोई लंबा प्रॉसेस अपनाया जायेगा. शो कॉज का जवाब देने का एक मौका देते हुए 15 दिनों के अंदर उन्हें बर्खास्त कर दिया जायेगा.

फाइल फोटो

गौरतलब है कि इंटरमीडिएट रिजल्ट में आयी गिरावट को लेकर पूरे बिहार के छात्र आक्रोशित हैं. लगभग 65 से 70 परसेंट तक स्टूडेंट्स के फेल किये जाने को लेकर वे पिछले पांच दिनों से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. कमोबेश यही स्थिति सूबे के विभिन्न जिलों की भी है. वहीं इसमें टॉपर गणेश के फर्जीवाड़े ने पूरे माहौल को ही बिगाड़ दिया. यहां की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगा. इसे सीएम नीतीश कुमार ने गंभीरता से लिया तो शिक्षा मंत्री और बिहार बोर्ड अध्यक्ष के बीच भी तनातनी हो गयी. अब मुख्य सचिव ने भी इसे गंभीरता से लेते हुए सूबे की माध्यमिक-उच्च माध्यमिक शिक्षा में व्यापक परिवर्तन के संकेत दिये हैं.