राजेश कानोडिया, नवगछिया (भागलपुर)। बिहार का शोक कही जाने वाली नदी कोसी करीब करीब हर साल बाढ़ के समय अपना रौद्र रूप दिखा ही देती है। इस दौरान वह अपना रास्ता भी कई बार बदल लेती है। जिसका शिकार गंगा और कोसी के बीच बसा भागलपुर जिले का उत्तरी हिस्सा नवगछिया अनुमंडल भी कई बार हो चूका है। पुनामाप्रताप नगर, मिल्की और सहौडा गाँव का तो स्तित्व ही समाप्त हो चूका है। इन गाँवों के लोग आज भी यत्र तत्र किसी तरह से जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
इस बार भी कोसी में काफी उफान के आने की आशंका से कोसी किनारे बचे और बसे हुए गाँव के ग्रामीण काफी सहमे हुए हैं। जबकि इधर कोसी के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी बतायी जा रही है। उधर नेपाल और कोसी के जलग्रहण क्षेत्र में लगातार बारिश भी हो रही है, साथ ही नेपाल भी जो पानी छोड़ता है वह भी कोसी नदी में ही आता है।
बहरहाल इस समय कोसी का जलस्तर कटिहार जिला के कुर्सेला रेलवे पुल के पास खतरे के निशान को पार कर चुका है। वहीं नवगछिया के मदरौनी गाँव में भी यह चेतावनी के निशान के काफी करीब बताया जा रहा है।
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मदरौनी के समीप कोसी का जलस्तर आज 29.85 मीटर है। जबकि चेतावनी स्तर 30.48 मीटर और खतरा स्तर 32.48 मीटर है तथा उच्चतम जलस्तर 33.36 मीटर है। इसके बावजूद बीती रात से ही मदरौनी गाँव जाने के लिये बने डायवर्सन के ऊपर से कोसी ने बहना शुरू कर दिया है। ग्रामीणों के अनुसार इस समय बाइक से या पैदल ही मदरौनी गाँव जाया जा सकता है, चार चक्का वाहन से नहीं।
यह अलग बात है कि मदरौनी गाँव को कोसी की विभीषिका से बचाने के लिये गाँव के ही विधान पार्षद संजीव सिंह की सक्रियता से जल संसाधन और बाढ़ नियंत्रण विभाग के साथ साथ पूरा का पूरा सरकारी तंत्र हर संभव उपाय के लिये लगा हुआ है। इसके बचाव के लिये हुई सचिव स्तर की बैठक में कमिश्नर और जिला पदाधिकारी भी शामिल थे।