पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रदेश के किसी भी
विभाजन से साफ इंकार किया है। साथ ही उन्होंने प्रदेश में अलग गोरखालैंड
राज्य के आंदोलन के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है।
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में गोरखालैंड की मांग को लेकर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है।
बनर्जी ने कहा कि दार्जिलिंग पश्चिम बंगाल का एक अंग है। पश्चिम बंगाल के विभाजन का सवाल ही नहीं उठता है। हम एक थे, एक हैं और एक ही रहेंगे।
मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि अलग तेलंगाना राज्य की मांग अनुचित नहीं है।
साथ ही उन्होंने पांच साल पुराने मुद्दे पर अभी फैसला लिए जाने पर यूपीए सरकार की आलोचना की और कहा कि चुनाव को नजदीक देखकर कांग्रेस और केंद्र ने देश को आग में जलने को छोड़ दिया है।
बंद से दार्जिलिंग में जनजीवन ठप
तेलंगाना राज्य के गठन को हरी झंडी मिलने से अरसे से अलग गोरखालैंड राज्य की मांग कर रहे दार्जिलिंग पहाड़ियों में सरगर्मी बढ़ गई है। अपनी मांग के समर्थन में गोरखा जन मुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने यहां तीन दिवसीय बंद का आह्वान किया था।
बंद के तीसरे और अंतिम दिन भी यहां सामान्य जनजीवन बाधित रहा। दुकानें और बाजार बंद ही रहे। स्कूल, कॉलेज, बैंक, सरकारी और निजी कार्यालय भी नहीं खुले।
सुरक्षा बल के जवान इलाके में मुस्तैदी से गश्त करते नजर आए। वहीं शिव सेना ने गोरखालैंड के विरोध में एक अगस्त से सिलीगुड़ी में दो दिवसीय बंद बुलाया है।
पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में गोरखालैंड की मांग को लेकर गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है।
बनर्जी ने कहा कि दार्जिलिंग पश्चिम बंगाल का एक अंग है। पश्चिम बंगाल के विभाजन का सवाल ही नहीं उठता है। हम एक थे, एक हैं और एक ही रहेंगे।
मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि अलग तेलंगाना राज्य की मांग अनुचित नहीं है।
साथ ही उन्होंने पांच साल पुराने मुद्दे पर अभी फैसला लिए जाने पर यूपीए सरकार की आलोचना की और कहा कि चुनाव को नजदीक देखकर कांग्रेस और केंद्र ने देश को आग में जलने को छोड़ दिया है।
बंद से दार्जिलिंग में जनजीवन ठप
तेलंगाना राज्य के गठन को हरी झंडी मिलने से अरसे से अलग गोरखालैंड राज्य की मांग कर रहे दार्जिलिंग पहाड़ियों में सरगर्मी बढ़ गई है। अपनी मांग के समर्थन में गोरखा जन मुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने यहां तीन दिवसीय बंद का आह्वान किया था।
बंद के तीसरे और अंतिम दिन भी यहां सामान्य जनजीवन बाधित रहा। दुकानें और बाजार बंद ही रहे। स्कूल, कॉलेज, बैंक, सरकारी और निजी कार्यालय भी नहीं खुले।
सुरक्षा बल के जवान इलाके में मुस्तैदी से गश्त करते नजर आए। वहीं शिव सेना ने गोरखालैंड के विरोध में एक अगस्त से सिलीगुड़ी में दो दिवसीय बंद बुलाया है।