मध्यप्रदेश की इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) ने अलर्ट जारी कर कहा
कि जन आशीर्वाद यात्रा पर निकले
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सुरक्षा को खतरा है, उनकी सुरक्षा बढ़ाई जाए, इसमें किसी भी प्रकार की चूक न की हो. इस अलर्ट के बाद चौहान की जनता के बीच मौजूदगी के दौरान सुरक्षा के कई घेरों की व्यवस्था कर दी गई है.
जिलों की संवेदनशीलता के मुताबिक सुरक्षा इंतजाम और कड़े किए जाएंगे. मुख्यमंत्री जनआशीर्वाद यात्रा के दौरान समूचे प्रदेश में पहुंचेंगे. उधर, बुधवार को रतलाम पहुंची मुख्यमंत्री की जन आशीर्वाद यात्रा की विशेष जांच की गई. कई मौकों पर सुरक्षा को दरकिनार करते हुए आम जनता से हाथ भी मिलाने लगते हैं.
उन्हें यात्रा में ऎसा न करने की सलाह भी दी गई है. शिवराज सिंह चौहान को जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त है. बढ़ाई गई सुरक्षा के तहत सीएम के कारकेट में निर्घारित गाडियों के अलावा अन्य पुलिस बल भी साथ रहेगा.
दो रिंग राउंड भी होंगे. आमतौर पर मंच पर सुरक्षा के लिहाज से "डी" बनता है, इसे और पुख्ता कर जरूरत पड़ने पर रिंग में परिवर्तित होगा. जनता के बीच सुरक्षा के कई घेरे होंगे. इसके साथ ही जिले की संवेदनशीलता के हिसाब से सुरक्षा में परिवर्तन होते रहेंगे.
छग के नक्सली हमले से सबक
पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले के दौरान कई दिग्गज नेताओं की मौत से सरकार और ज्यादा अलर्ट हुई है. मालूम हो मध्यप्रदेश में भी नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या एक दर्जन से अधिक है. मुख्यमंत्री अपनी यात्रा के दौरान प्रदेश के नक्सल प्रभावित जिलों में भी जाएंगे. यात्रा के शुरूआत में मुख्यमंत्री की तरफ की त्रिशूल उछालने की घटना और एक जवान के घायल होने की घटना से भी प्रशासन ने सबक लिया है.
52 दिन की है यात्रा
22 जुलाई से शुरू मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जनआशीर्वाद यात्रा कुल 52 दिनों की है. इस दौरान वे 8 हजार किलोमीटर का सफर तय करते हुए सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों में दस्तक देंगे.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सुरक्षा को खतरा है, उनकी सुरक्षा बढ़ाई जाए, इसमें किसी भी प्रकार की चूक न की हो. इस अलर्ट के बाद चौहान की जनता के बीच मौजूदगी के दौरान सुरक्षा के कई घेरों की व्यवस्था कर दी गई है.
जिलों की संवेदनशीलता के मुताबिक सुरक्षा इंतजाम और कड़े किए जाएंगे. मुख्यमंत्री जनआशीर्वाद यात्रा के दौरान समूचे प्रदेश में पहुंचेंगे. उधर, बुधवार को रतलाम पहुंची मुख्यमंत्री की जन आशीर्वाद यात्रा की विशेष जांच की गई. कई मौकों पर सुरक्षा को दरकिनार करते हुए आम जनता से हाथ भी मिलाने लगते हैं.
उन्हें यात्रा में ऎसा न करने की सलाह भी दी गई है. शिवराज सिंह चौहान को जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त है. बढ़ाई गई सुरक्षा के तहत सीएम के कारकेट में निर्घारित गाडियों के अलावा अन्य पुलिस बल भी साथ रहेगा.
दो रिंग राउंड भी होंगे. आमतौर पर मंच पर सुरक्षा के लिहाज से "डी" बनता है, इसे और पुख्ता कर जरूरत पड़ने पर रिंग में परिवर्तित होगा. जनता के बीच सुरक्षा के कई घेरे होंगे. इसके साथ ही जिले की संवेदनशीलता के हिसाब से सुरक्षा में परिवर्तन होते रहेंगे.
छग के नक्सली हमले से सबक
पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले के दौरान कई दिग्गज नेताओं की मौत से सरकार और ज्यादा अलर्ट हुई है. मालूम हो मध्यप्रदेश में भी नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या एक दर्जन से अधिक है. मुख्यमंत्री अपनी यात्रा के दौरान प्रदेश के नक्सल प्रभावित जिलों में भी जाएंगे. यात्रा के शुरूआत में मुख्यमंत्री की तरफ की त्रिशूल उछालने की घटना और एक जवान के घायल होने की घटना से भी प्रशासन ने सबक लिया है.
52 दिन की है यात्रा
22 जुलाई से शुरू मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जनआशीर्वाद यात्रा कुल 52 दिनों की है. इस दौरान वे 8 हजार किलोमीटर का सफर तय करते हुए सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों में दस्तक देंगे.