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कर्नाटक विधानसभा चुनाव वोटिंग जारी, बीजेपी की साख दांव पर


कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को उत्साहपूर्वक मतदान शुरू हुआ और पहले 3 घंटों में यह 15 से 20 प्रतिशत दर्ज किया गया। दिन में दो बजे तक 40 फीसदी वोट दर्ज किए गए थे।

शुरुआत में वोट डालने वालों में तुमकूर स्थित प्रसिद्ध सिद्धगंगा मठ के 106 साल के संत शिवकुमार स्वामी भी शामिल थे। सीनियर बीजेपी नेता एम. वेंकैया नायडू, केंद्रीय मंत्री एम. मल्लिकार्जुन खड़गे और एम. वीरप्पा मोइली, नेता प्रतिपक्ष सिद्धरमैया, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष जी. परमेश्वर, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष प्रह्लाद जोशी और कर्नाटक जनता पक्ष के सुप्रीमो बीएस येदयुरप्पा भी शुरुआत में वोट डालने वालों में शामिल रहे।
कड़ी सुरक्षा के बीच कर्नाटक की कुल 224 विधानसभा सीटों में 223 सीटों के लिए वोटिंग जारी है। दोपहर दो बजे तक 40 फीसदी वोटिंग होने की खबर है। एक सीट पर बीजेपी उम्मीदवार की मौत हो जाने के कारण अब वहां 28 मई को मतदान होगा। इस बीच, पूरे कर्नाटक में प्रचंड गर्मी को देखते हुए चुनाव आयोग ने वहां वोटिंग की अवधि एक घंटे के लिए बढ़ा दी है। अब वहां सुबह 7 बजे से लेकर शाम के 6 बजे तक वोट डाले जाएंगे। यह पहला मौका है जब राज्य के करीब 1100 मतदान केंद्रों की निगरानी कैमरे लगाकर की जा रही है।
दांव पर बीजेपी की साख
कर्नाटक चुनाव में सत्तारूढ़ बीजेपी की साख दांव पर लगी है। लिंगायत समुदाय के नेता येदयुरप्पा के बीजेपी से अलग होने के बाद पार्टी के वोट बैंक पर असर पड़ सकता है। नॉर्थ कर्नाटक के 12 जिलों में लिंगायत समुदाय का दबदबा है, जो 95 विधायक चुनकर भेजता है। बीजेपी ने चुनाव में लिंगायत नेता जगदीश शेट्टार को ही आगे किया है। अगर आंकड़े की बात करें, तो इस समुदाय के पास राज्य का 21 फीसदी वोट है। वहीं येदयुरप्पा लिंगायत समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं। यह देखकर लगता है कि बीजेपी की राह आसान नहीं है।
किस करवट बैठेगा ऊंट?
कर्नाटक में राजनीतिक दल संभावित समीकरणों को बिठाने में जुटे हुए हैं। हालांकि यह माना जा रहा है कि इस बार कांग्रेस की सीटों की संख्या बढ़ने जा रही है, लेकिन यह सवाल अभी भी बना हुआ है कि कांग्रेस अपने बूते सरकार बना पाने में कामयाब होगी या फिर उसे सरकार बनाने के लिए जेडीएस या फिर येदयुरप्पा की कर्नाटक जनता पार्टी (केजीपी) में से किसी एक की मदद लेनी होगी।
आंकड़ों का खेल
पिछली बारः विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 33.86 फीसदी वोट लेकर 110 सीटों पर कब्जा किया था जबकि कांग्रेस को बीजेपी से ज्यादा यानी 34.76 फीसदी वोट मिले थे लेकिन उसे सीटें महज 80 ही मिली थीं। उस वक्त राज्य में तीसरी ताकत जेडीएस थी और उसे 18.95 फीसदी वोट और 28 सीटें मिली थीं। इस बार समीकरण बिलकुल अलग हैं। इस बार बीजेपी से अलग हुए येदयुरप्पा की पार्टी अलग ताल ठोक रही है। इस तरह से इस बार राज्य में सत्ता के लिए चार बड़े दावेदार हैं।