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रॉक बैंड में शामिल कश्‍मीरी लड़कियों के खिलाफ फतवा जारी

इस बार एक इस्‍लामी फतवे ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। श्रीनगर के मुख्‍य मुफ्ती बशीरूद्दीन ने रॉक बैंड में शामिल लड़कियों के खिलाप फतवा जारी किया है। मालूम हो कि कश्‍मीरी लड़कियों के इस रॉक बैंड ग्रुप को काफी दिनों से जान से मारने की धमकियां मिल रही थी लेकिन अब खुद मुख्‍य मुफ्ती बशीरूद्दीन ने सामने आकर फतवा जारी करते हुए कहा है कि इस्‍लाम में संगीत पर पाबंदी है। बशीरूद्दीन ने कहा है कि इन लड़कियों को अच्‍छी-अच्‍छी बातें सिखनी चाहिए। मुफ्ती बशीरूद्दीन की मानें तो संगीत हमारे समाज के लिये सही नही है। उन्‍होंने कहा कि भारतीय समाज में सारी बुरी चीजों की जड़ संगीत ही है। इतना ही नहीं मुफ्ती बशीरूद्दीन ने रॉक बैंड में शामिल लड़कियों के मां-बाप को भी नसीहत दे डाली और कहा कि उन्‍हें अपने बच्‍चों को अच्‍छी बातें सिखानी चाहिए और उन्‍हें हजारों लोगों के सामने मनोरंजन का जरिया बनने से रोकना चाहिए। इस बीच, एक मौलवी अख्तर नामक उलेमा ने कहा, बेशक ये लड़कियां गैर-इस्लामिक काम कर रही हैं। मैं भी रॉक बैंड के खिलाफ हूं, लेकिन मैं मुफ्ती बशीरुद्दीन साहब के भी खिलाफ हूं। वह आज क्यों इस नाच गाने के खिलाफ हैं, जबकि इन लड़कियों से पहले भी कश्मीर में कई महिलाएं इस तरह के काम कर रही हैं। वह उस समय क्यों चुप रहते हैं जब यहां 26 जनवरी और 15 अगस्त को लड़कियां सरकारी समारोहों में नाचती गाती हैं। गौरतलब है कि इस रॉक बैंड का नाम परगाश है और यह राज्य में लड़कियों का पहला और एकमात्र रॉक बैंड है। बैंड में शामिल तीनों लड़कियां दसवीं की छात्राएं हैं। बैंड के चर्चा में आने के बाद कुछ लोगों ने फेसबुक व अन्य सोशल साइटों पर इन लड़कियों को धमकी दी और आपत्तिजनक शब्द लिखे थे। उसके बाद से जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लड़कियों को सुरक्षा का भरोसा दिया था और कहा था कि उन्हें डरने की जरूरत नहीं है।