राज्य
में जहरीली शराब से मरने वाले लोगों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा
है। अब पटना सिटी में एक दर्जन लोगों के जहरीली शराब से मौत हो गयी जबकि
स्थानीय प्रशासन ने सात लोगों के मौत की बात कबूल की है।
बताया जाता है कि पटना सिटी के मेहंदीगंज और आलमगंज थाने के विभिन्न मुहल्लों में जहरीली
शराब पीने से इन लोगों की मौत हो गयी। मरने वालों में अत्यंत गरीब परिवार से हैं। इसकी खबर मिलते ही वरीय अधिकारी मौके पर पहुंचे। मामले की छानबीन की जा रही है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि पहली जनवरी को शराब पीकर कुछ लोग बीमार हो गये थे और उन्हें इलाज के लिए अलग-अलग अस्पतालों में दाखिल कराया गया था। इसी बीच उनकी मौत होने लगी। जहरीली शराब से बीमार होने की बात स्थानीय प्रशासन ने दबा दी। यही नहीं, पुलिस वालों ने संबंधित परिवार वालों को धमकाया कि वे शराब वाली बात किसी को न बतायें। पुलिस के हड़काने के चलते उनके परिजनों ने जुबान नहीं खोली।
यह सिर्फ पटना सिटी की बात नहीं रह गयी है। मधुबनी में सात लोगों की जहरीली शराब से हुई मौत पर स्थानीय प्रशासन गलतबयानी करता रहा। प्रशासन का कहना था कि बीमारी की वजह से लोगों की मौत हो गयी। कुछ लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा था और इसी क्रम में उनकी मौत हो गयी। अजीब बात यह रही कि एक खास मुहल्ले में सात लोगों की मौत को लेकर न कोई छानबीन करायी गयी और न ही इसकी जरूरत समझी गयी। प्रशासन की भूमिका से नाराज लोगों ने मधुबनी के चकदह इलाके में अवैध शराब कारोबारियों की दुकानें जला दी थीं।
इसके पहले आरा में 30, गया में 11, मुजफ्फरपुर में 9 लोगों की मौत बीते कुछ महीनों में हो गयी। शराब का अवैध कारोबार करने वालों पर सरकार नकेल नहीं लगा पा रही है।
बताया जाता है कि पटना सिटी के मेहंदीगंज और आलमगंज थाने के विभिन्न मुहल्लों में जहरीली
शराब पीने से इन लोगों की मौत हो गयी। मरने वालों में अत्यंत गरीब परिवार से हैं। इसकी खबर मिलते ही वरीय अधिकारी मौके पर पहुंचे। मामले की छानबीन की जा रही है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि पहली जनवरी को शराब पीकर कुछ लोग बीमार हो गये थे और उन्हें इलाज के लिए अलग-अलग अस्पतालों में दाखिल कराया गया था। इसी बीच उनकी मौत होने लगी। जहरीली शराब से बीमार होने की बात स्थानीय प्रशासन ने दबा दी। यही नहीं, पुलिस वालों ने संबंधित परिवार वालों को धमकाया कि वे शराब वाली बात किसी को न बतायें। पुलिस के हड़काने के चलते उनके परिजनों ने जुबान नहीं खोली।
यह सिर्फ पटना सिटी की बात नहीं रह गयी है। मधुबनी में सात लोगों की जहरीली शराब से हुई मौत पर स्थानीय प्रशासन गलतबयानी करता रहा। प्रशासन का कहना था कि बीमारी की वजह से लोगों की मौत हो गयी। कुछ लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा था और इसी क्रम में उनकी मौत हो गयी। अजीब बात यह रही कि एक खास मुहल्ले में सात लोगों की मौत को लेकर न कोई छानबीन करायी गयी और न ही इसकी जरूरत समझी गयी। प्रशासन की भूमिका से नाराज लोगों ने मधुबनी के चकदह इलाके में अवैध शराब कारोबारियों की दुकानें जला दी थीं।
इसके पहले आरा में 30, गया में 11, मुजफ्फरपुर में 9 लोगों की मौत बीते कुछ महीनों में हो गयी। शराब का अवैध कारोबार करने वालों पर सरकार नकेल नहीं लगा पा रही है।